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अमेरिका आईएस से लड़ने के लिए इराक और ​सीरिया भेजेगा विशेष बल - Sabguru News
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अमेरिका आईएस से लड़ने के लिए इराक और ​सीरिया भेजेगा विशेष बल

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अमेरिका आईएस से लड़ने के लिए इराक और ​सीरिया भेजेगा विशेष बल
US to send special forces to fight ISIS in Iraq and Syria
US to send special forces to fight ISIS in Iraq and Syria
US to send special forces to fight ISIS in Iraq and Syria

वाशिंगटन। अमेरिका दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ लड़ाई तेज करने के लिए इराक और सीरिया में विशेष बलों को भेजेगा।

अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने यह ताजा जानकारी देते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस लड़ाई को और तेज करने की अपील की है।

हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के समक्ष कार्टर ने कहा कि इराक की सरकार के साथ पूर्ण समन्वय करते हुए हम इराकी और कुर्द पेशमरगा बलों की मदद के लिए और आईएस पर ज्यादा दबाव बनाने के लिए एक विशेष बल तैनात कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि ये विशेष बल समय के साथ हमले करने, बंधकों को मुक्त कराने, खुफिया जानकारी जुटाने और आईएस के नेताओं को पकड़ने में सक्षम होंगे।

यूएस ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने भी इस समिति के समक्ष अपनी बात रखी। कार्टर ने कहा कि अमेरिकी बल सीरिया में एकपक्षीय अभियान चलाने की भी स्थिति में होंगे।

उन्होंने कहा कि अमेरिका इस लड़ाई में लगातार ज्यादा से ज्यादा योगदान की कोशिश कर रहा है लेकिन विश्व को भी ऐसा करना चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सहयोगियों और साथियों समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पेरिस जैसा कोई अन्य हमला होने से पहले उठ खड़ा होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए हमलों के बाद से दुनियाभर में आतंक के प्रति जबरदस्त जोश में आ गया है। इसके साथ ही फ्रांसीसियों ने अपनी भूमिका बढ़ा दी है।

कार्टर ने कहा कि ब्रिटेन हवाई हमले बढ़ाने पर बहस कर रहा है। इटली ने इराक में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जर्मनी अतिरिक्त योगदान दे रहा है लेकिन हम सभी को और अधिक योगदान करने की जरूरत है।

तुर्की को अपनी सीमा पर नियंत्रण के लिए ज्यादा काम करना चाहिए, जिन्हें भेदना प्राय: आसान रहता है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और खाड़ी देश शुरूआती दिनों में ही हवाई हमलों के अभियान से जुड़ गए थे लेकिन उसके बाद में वे यमन के संघर्ष में उलझ गये।

कार्टर ने कहा कि रूस ने आईएस को हराने के लिए सार्वजनिक तौर पर प्रतिबद्धता जताई है लेकिन उसने मोटे तौर पर विपक्षी बलों को निशाना बनाया है, आईएस को नहीं। उन्होंने कहा कि  रूस के लिए समय आ गया है कि वह इस लड़ाई के सही पहलू पर ध्यान केंद्रित करे।

कार्टर ने  कहा कि अमेरिकी नेतृत्व जरूरी है लेकिन दूसरे देशों से जितना ज्यादा योगदान हमें मिलेगा, हम अपना बल इस्तेमाल करके उतनी ही अधिक युद्धक क्षमता जुटा पाएंगे।