गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने गाजियाबाद शहर के भाजपा अध्यक्ष अजय शर्मा को पद से हटा दिया है। शर्मा और उनके साथ 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने हिंदू महिला और मुस्लिम युवक की शादी को ‘लव जिहाद’ बताकर पुलिस के साथ झड़प की थी। भाजपा का उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने मंगलवार को 11 बजे यह निर्णय लिया।
राज्य के महासचिव विद्या शंकर सोनकर ने पत्र पर हस्ताक्षर किए। पत्र में कहा गया कि अंतर-धार्मिक विवाह के विरोध के चलते अजय शर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है।
पत्र में यह भी कहा गया कि शहर भाजपा के महासचिव मान सिंह गोस्वामी को शहर के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। गोस्वामी ने 11.30 बजे मंगलवार को कार्यभार संभाला।
22 दिसम्बर को महिला के परिवार वालों ने गाजियाबाद में अपने घर पर शादी की रिसेप्शन पार्टी का आयोजन किया था।
भारतीय जनता पार्टी और हिंदू संगठनों के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं सहित शिवसेना, बजरंग दल और जय शिव सेना के कार्यतर्काओं ने राज नगर में घर के बाहर शादी का विरोध करते हुए यातायात बाधित कर दिया था।
पुलिस ने कहा कि हल्का बल प्रयोग कर कार्यकर्ताओं को वहां से हटा दिया गया क्योंकि वे लोग किसी के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस अधीक्षक एचएन सिंह ने कहा कि पुलिस कैसे लोगों को किसी के घर में घुसने की अनुमति दे सकती है? हमें इस संबंध में एक कॉल आई, जिसके बाद हमने अपना कर्तव्य पूरा किया।
बाद में, पुलिस के साथ झड़प करने और शादी को लेकर दंगा करने के आरोप में शर्मा और 100 से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के समर्थन में दुल्हन के पिता ने भी शिकायत दर्ज कराई।
दुल्हन के पिता पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि मुझे पिछले दो दिनों से शादी रोकने के फोन आ रहे थे। लेकिन दोनों (दुल्हन और दूल्हा) वयस्क हैं और वे अपना भला-बुरा अच्छी तरह समझते हैं। मैं इसमें कोई लव जिहाद नहीं देखता।
दुल्हन नूपुर सिंघल मानव मनोविज्ञान में पीएचडी हैं और मनोचिकित्सक हैं। वहीं उनके पति मंसूर हरहत खान बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री धारी हैं और एक निजी कंपनी में काम करते हैं। उनका परिवार मूल रूप से अलीगढ़ का है, लेकिन उनके पिता दिल्ली में रहते हैं और नोएडा में भी उनका एक घर है।
पुष्पेंद्र कुमार के अनुसार लड़के ने तो हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने की पेशकश तक की थी। उन्होंने कहा कि लेकिन न दूल्हे के परिवार की ओर से कोई शर्त रखी गई थी और न ही हमारे परिवार की ओर से। हमने इसे लड़के और लड़की पर छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में जाकर शादी कर ली। महिला रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार की पोती है, जो 1990 में यहां जिलाधिकारी थे।