लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब वेबसाइट और पोर्टलों को भी विज्ञापन देगी। कैबिनेट ने गुरूवार को उत्तर प्रदेश वेब मीडिया नीति-2016 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे सरकार की उपलब्धियों, सूचनाओं एवं जानकारियों को जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की बैठक में वेबसाइट व पोर्टलों को शासकीय विज्ञापन प्रदान करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश वेब मीडिया नीति-2016 को मंजूरी प्रदान की गई।
नीति में विज्ञापन निर्गमन हेतु सूचीबद्ध करने के लिए शर्तें निर्धारित की गयी हैं, जिसके अनुसार वेब मीडिया एवं पोर्टल कम से कम 3 वर्ष से अस्तित्व में होने चाहिए। ऐसे वेबसाइट व पोर्टल जिनके दर का निर्धारण भारत सरकार के डीएवीपी द्वारा किया गया हो उन्हें विभाग द्वारा सूचीबद्ध माना जाएगा।
विज्ञापन मान्यता के लिए आवेदन करने के लिए वेबसाइट व पोर्टलों को अपना रजिस्ट्रेशन सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय में कराना अनिवार्य होगा। अंग्रेजी वेब मीडिया को भी हिन्दी वेब मीडिया की भांति विज्ञापन जारी किया जाएगा। विज्ञापन वितरण के उद्देश्य से वेब माध्यमों को 3 श्रेणियों में शर्ताें के तहत वर्गीकृत किया जाएगा।
विज्ञापन उस वेबसाइट व पोर्टल को दिया जाएगा, जिसकी प्रतिमाह हिट्स की न्यूनतम संख्या 2.5 लाख हिट्स होगी। हिट्स की गणना के लिए छह माह का औसत आधार लिया जाएगा। गणना के लिए सूचना विभाग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य थर्ड पार्टी, जो भारत में वेबसाइट टैªफिक माॅनीटर करती हो, को स्वीकार करेगा।
कुकरैल को ‘जैव विविधता विरासतीय स्थल’ घोषित किए जाने का निर्णय
मंत्रिमंडल ने जैव विविधता की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण होने के कारण, केन्द्र सरकार द्वारा जारी जैव विविधता अधिनियम, 2002 (द बायोलाॅजिकल डाइवर्सिटी एक्ट, 2002) में इंगित प्राविधानों के तहत, घड़ियाल पुनर्वास केन्द्र, कुकरैल लखनऊ को ‘जैव विविधता विरासतीय स्थल’ घोषित किए जाने का निर्णय लिया है।
जैवविविधता विरासतीय स्थल (बायोडाइवर्सिटी हेरिटेज साइट) घोषित होने से यह अंतर्राष्ट्रीय स्थल के रूप में विकसित हो सकेगा। नेशनल बायोडाइवर्सिटी अथाॅरिटी इस स्थल का उचित वित्त पोषण सीड मनी के रूप में करेगी। इस स्थल को अधिसूचित किए जाने के फलस्वरूप यह क्षेत्र जैवविविधता संरक्षण के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर सकेगा। संरक्षण के कार्य की दिशा में प्रदेश की प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर बढ़ेगी।
अहेरिया जाति को अनुसूचित जातियों की सूची में सम्मिलित किए जाने का निर्णय
मंत्रिमंडल ने अहेरिया जाति को उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जातियों की सूची में सम्मिलित किए जाने हेतु भारत सरकार को संस्तुति प्रेषित किए जाने का निर्णय लिया है। अहेरिया जाति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग आदि में से किसी वर्ग में वर्गीकृत नहीं है। ‘अहेरिया’ व ‘बहेलिया’ जाति की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं शैक्षिक स्थिति लगभग समान है। ‘अहेरिया’ जाति अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित किए जाने हेतु निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप पायी गयी है।