लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव का तीसरा और अंतिम चरण बुधवार को संपन्न हो गया। इसी के साथ 26 जिलों में 233 निकायों में महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष सहित 4,299 वाडरें में पार्षद और सभासद प्रत्याशियों के भाग्य मतपेटियों में कैद हो गए।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक कुल 52.50 प्रतिशत मतदान हुआ है। उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने बताया कि तीसरे चरण में अब तक करीब 52.50 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर तीन चरणों के मतदान का प्रतिशत औसतन 52.5 प्रतिशत रहा। यह 2012 के चुनाव के 46.2 से करीब छह प्रतिशत ज्यादा है।
अग्रवाल ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में मतदान को लेकर सबसे ज्यादा उदासीनता शहरों में देखने को मिली। सबसे कम मतदान नगर निगमों में हुआ, वहीं नगर पंचायतों में अच्छा उत्साह देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि नगर निगमों में जहां करीब 41.26 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, वहीं पालिका परिषद में 58 प्रतिशत और नगर पंचायतों में 68.30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
पहले और दूसरे चरण की तरह ही आखिरी चरण में भी मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा छाया रहा। कई जगहों पर मतदाता सूची में नाम न होने की वजह से लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें भी मिलीं। कई जगहों पर असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
बाराबंकी शहर कोतवाली के पीर वटावन के वार्ड 26 में पुलिस ने मतदाताओं पर जमकर लाठियां बरसाई और एजेंटों की कुर्सियां तोड़ डाली। इसके बाद जनता ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
दूसरी तरफ सहारनपुर के नानौता नगर पंचायत क्षेत्र में पुलिस ने फर्जी वोट डालते तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया, जबकि जौनपुर के दो वाडरें में करीब 500 लोगों के नाम गायब होने के बाद लोगों ने प्रदर्शन किया। मतदाता सूची में नाम न होने के बाद सरस्वती कॉलेज के बूथ संख्या 151 पर लोगों ने प्रदर्शन किया।
निकाय चुनाव में मतों की गणना एक दिसंबर को सुबह आठ बजे से होगी और परिणाम भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे।