लखनऊ। सूबे में सोमवार को विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत 11 जिलों की 51 विधानसभा सीटों पर मतदान सम्पन्न हुआ। हालांकि बाकी चरणों की तरह इस बार जनता में जोश नहीं दिखाई दिया और सिर्फ 57.36 प्रतिशत वोटिंग होने के कारण मतदाता दूसरी श्रेणी में ही उत्तीर्ण हो पाए।
इससे पहले वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में इस चरण में कुल 57.09 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस लिहाज से इस बार महज 0.27 प्रतिशत ही ज्यादा मतदान हुआ। यह स्थिति तब हुई जब चुनाव आयोग ने अब तक 71.67 लाख मतदाताओं की संख्या बढ़ने का दावा किया है।
ऐसे में मतदान के लिए लोगों में उत्साह की कमी बड़ा सवाल है, जिस पर सियासी दलों को विशेष रूप से सोचने की जरूरत है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 2012 के विधानसभा चुनाव से भी कम वोट पड़े थे, तब मतदान घटकर 55.58 फीसदी ही रहा था।
इस तरह अगर पांचवे चरण के 11 जिलों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के प्रतिशत पर नजर डालें तो मतदान प्रतिशत में कमी दर्ज की गई है। इस रिकार्ड में सोमवार को भी मतदाता सुधार नहीं कर सके।
अम्बेडकरनगर में इस बार 64.88 प्रतिशत मत पड़े, पिछली विधानसभा चुनाव में 62.12 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जबकि लोकसभा चुनाव में 60.32 फीसदी मतदान हुआ था। इस तरह इस बार यहां के मतदाताओं ने अच्छा प्रदर्शन किया।
अमेठी की बात करें तो यहां 56.25 प्रतिशत वोटिंग हुई, जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में इस बार से 0.43 प्रतिशत ज्यादा मत पड़े थे और 56.68 प्रतिशत जनता अपने घरों से बाहर निकली थी, वहीं लोकसभा चुनाव में 52.08 फीसदी मतदान हुआ था।
बहराइच में 59.50 फीसदी मतदान हुआ। यहां वर्ष 2012 में इस बार बेहद मामूली रूप से ज्यादा 59.55 प्रतिशत और 2014 में 56.48 फीसदी मतदान हुआ था। इसके अलावा बलरामपुर में सोमवार को 54.25 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि बीते विधानसभा चुनाव में 49.88 प्रतिशत और लोकसभा चुनाव में 49.58 फीसदी वोटिंग हुई थी।
इस लिहाज से यहां के मतदाताओं ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया। फैजाबाद में इस बार 60.14 फीसदी मतदान हुआ, जबकि बीते विधानसभा चुनाव के दौरान 59.61 प्रतिशत मत पड़े, जबकि लोकसभा चुनाव में यहां भी कम मतदान हुआ और 58.29 फीसदी वोटिंग हुई।
इस तरह यहां के मतदाताओं ने भी अपने प्रदर्शन में सुधार किया। गोण्डा में इस बार 56.73 प्रतिशत वोटिंग हुई। 2012 में 56.69 प्रतिशत और 2014 में 53.92 फीसदी मतदान यहां हुआ था। यहां के मतदाता अपना रिकार्ड बहुत ज्यादा नहीं सुधार पाए।
संतकबीर नगर में सोमवार को 52.31 प्रतिशत ही मतदान हुआ, जो विधानसभा चुनाव में 53.59 फीसदी और लोकसभा चुनाव में 52.53 प्रतिशत से भी कम रहा। श्रावस्ती में 61.50 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि बीते विधानसभा चुनाव में 61.40 प्रतिशत और लोकसभा चुनाव में 59.82 फीसदी वोटिंग हुई थी।
इसलिए यहां बेहद नाम मात्र का सुधार देखा गया है। सुलतानपुर में सोमवार को 56.33 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि इससे पहले 2012 में 58.60 प्रतिशत और 2014 में 56.65 फीसदी मतदान हुआ। इस तरह यहां के मतदाता पहले से पीछे रहे।
सिद्धार्थनगर में 51.82 मतदान हुआ, जबकि यहां 2012 में विधानसभा चुनाव में 51.73 प्रतिशत और लोकसभा चुनाव में 53.08 फीसदी वोटिंग हुई। बस्ती में 57.61 प्रतिशत मतदाता घरों से बाहर निकले, वर्ष 2012 में 58.13 प्रतिशत और 2014 में 58.64 फीसदी मतदान हुआ। इस तरह यहां के मतदाताओं में भी पहले जितना जोश नहीं दिखाई दिया।
इनके बीच त्रिकोणीय संघर्ष
पांचवें चरण के चुनाव में कई बड़े सियासी नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनमें अमेठी सीट से सपा के टिकट पर प्रदेश सरकार के विवादास्पद मंत्री गायत्री प्रजापति के साथ-साथ कांग्रेस उम्मीदवार एवं राजघराने की दूसरी रानी अमिता सिंह और भाजपा प्रत्याशी एवं राजघराने की पहली रानी गरिमा सिंह बीच त्रिकोणीय संघर्ष बना हुआ है।
इन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
इसके अलावा राज्य सरकार के मंत्री एस.पी. यादव, विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह, तेज नारायण पाण्डेय उर्फ पवन पाण्डेय और बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, शंखला मांझी, अजीमुल हक, अभय सिंह, राममूर्ति वर्मा, बंशीधर बौद्ध, यासर शाह, राम किशोर सिंह आदि की किस्मत का फैसला जनता करेगी।
2012 में समाजवादी पार्टी का दबदबा
2012 में हुए विधानसभा चुनाव में पांचवे चरण की कुल 52 सीटों में से समाजवादी पार्टी को 37 सीटें मिली थीं। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को पांच-पांच, बहुजन समाज पार्टी को तीन तथा पीस पार्टी को दो सीटें हासिल हुई थी।
11 जिलों की इन 51 सीटों पर मतदान
बलरामपुर- तुलसीपुर, गैनसारी, उतरौला, बलरामपुर गोण्डा- मेहनौन, गोंडा, कटरा बाजार, कर्नलगंज, तरबगंज, मनकापुर, गौरा फैजाबाद- रुदौली, मिलकीपुर, बीकापुर, अयोध्या, गोसाईंगज अंबेडकरनगर- कटेहरी, टांडा, जलालपुर, अकबरपुर, अलापुर (अब 09 मार्च को होगी वोटिंग) बहराइच- बालहा, नानपारा, मटेरा, महसी, बहराइच, पयागपुर, कैसरगंज श्रावस्ती- श्रावस्ती, तुलसीपुर, सिद्धार्थनगर- शोहरतगढ़, कपिलवस्तु, बांसी, इटवा, डुमरियागंज, बस्ती- हरैया, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदर, महादेवा संतकबीरनगर- मेहदावल, खलीलाबाद, धनघटा, अमेठी- जगदीशपुर, गौरीगंज, अमेठी, तिलोई सुलतानपुर- इसौली, सुलतानपुर, सदर, लंबुआ, कादीपुर।