पटना। भाजपा के स्टार प्रचारक रह चुके सांसद और मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने उन्हें उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार में शामिल नहीं किए जाने पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि यूपी चुनाव के प्रचार से दूर रखा जाना अत्यंत दुखद है।
पटना सिटी से भाजपा सांसद सिन्हा ने गुरुवार को यहां कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए उनकी पार्टी की ओर से 40 लोगों को स्टार प्रचारक के रूप में उतारा गया है जिसमें उनका नाम नहीं होना दुखद है। भाजपा के प्रचारकों की इस लिस्ट पर हैरानी प्रकट करते हुए सिन्हा ने कहा कि वे सदैव पार्टी की भलाई चाहते हैं और इसके लिए उन्हें जब भी कोई ज़िम्मेदारी दी गई, उसका उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ पालन किया।
बॉलीवुड का एक जाना-माना चेहरा होने के नाते अब तक बीजेपी के स्टार कैम्पेनर रह चुके शत्रुघ्न सिन्हा ने हालांकि, कहा कि यू पी के चुनाव प्रचार में शामिल नहीं किए जाने के पीछे पार्टी की कोई मंशा होगी, जो दल के भले के लिए होगा।
यूपी चुनाव में शामिल नहीं किया जाने से आहत सिन्हा ने कहा कि भाजपा ने बिहार के विधान सभा चुनाव के समय भी उन्हें स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं रखा था और ना ही चुनाव में उनका इस्तेमाल किया था। उत्तर प्रदेश चुनाव भाजपा की जीत की कामना करते हुए सिन्हा ने कहा कि पार्टी की जीत से वे बेहद प्रसन्न होंगे।
उल्लेखनीय है कि सिन्हा विगत कुछ वर्षों से पार्टी से क्षुब्ध कह रहे हैं और उनकी नाराजगी गाहे-बगाहे सार्वजनिक रूप से छलक भी जाती है। इसी सिलसिले में उन्होंने यूपी में प्रचार में भाजपा के राज्य सभा सांसद विनय कटियार के प्रियंका गांधी के सन्दर्भ में दिए गए बयान की सिन्हा ने आलोचना की थी। शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री के नोटबंदी पर भी सवाल उठाया था।
प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी का नाम तय किए जाने पर भी उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज जैसे वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने की बात कही थी साथ ही मोदी द्वारा मंत्री पद के लिए अधिकतम 75 वर्ष की तय की गई उम्र का भी उन्होंने विरोध किया था। ज्ञात हो कि अपनी नाराजगी प्रकट करने के लिए सिन्हा ने एक बार उनके द्वारा बनाए गए नाटक पति-पत्नी और मैं का पूरे देश में मंचन किया था।
बिहार में वर्ष 2015 के विधान सभा चुनाव में एनडीए की ओर से एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान को मुख्यमन्त्री पद का उम्मीदवार बता कर उन्होंने भाजपा को मुश्किल में डाल दिया था जिसपर भाजपा ने सफाई दी थी कि पार्टी की संसदीय समिति ही सीएम कैंडिडेट का नाम तय करेगी। भाजपा से नाराज़ सिन्हा ने बाद में नीतीश कुमार से मुलाकात कर उन्हें बिहार का सर्वश्रेष्ठ सीएम और विकास पुरुष बताया था।