लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक के रूप में समायोजन रद्द किए जाने के बाद से शिक्षा मित्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिक्षा मित्रों के मद्देनजर अब उप्र सरकार की ओर से उनसे धैर्य बनाए रखने की अपील की गई है। सरकार ने कहा है कि वह इस पूरे मामले का उचित समाधान निकालेगी।
राज्य सरकार ने बुधवार को देर रात एक बयान जारी कर यह यह बातें कही है। बयान में बताया गया है कि शासन द्वारा शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से उनके राज्य स्तरीय प्रतिनिधिमण्डलों के साथ अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को चर्चा करने के लिए अधिकृत किया गया है।
राज्य सरकार के बयान में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षामित्रों के विषय में दिए गए आदेश से प्रदेश में कार्यरत 1़37 हजार ऐसे शिक्षामित्र, जिन्हें उत्तर प्रदेश नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली, 2011 के नियम 16 ‘क’ के अन्तर्गत सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया था, प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
सरकार ने बयान के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि सभी शिक्षामित्रों से सहानुभूति रखते हुए उनसे अपील की जाती है कि वे संयम और धैर्य बनाए रखें तथा किसी प्रकार की अप्रिय घटना न होने दें।
राज्य सरकार ने कहा है कि सरकार ऐसे समाधान में विश्वास रखती है, जिससे कानून की मर्यादा बनी रहे तथा समस्या का तर्कसंगत एवं विधि सम्मत समाधान संभव हो सके।