लखनऊ। उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रामनाईक के बारे में कैबिनेट मंत्री आजमखां द्वारा विधानसभा में की गई टिप्पणी के मामले में राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय को पत्र लिखकर कड़ी नाराजगी जाहिर की हैं।
राज्यपाल ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए माता प्रसाद को राजभवन बुलाया है। राम नाईक ने स्पीकर को लेटर भेजकर संसदीय कार्यमंत्री के रूप में आजम की योग्यता पर सवाल उठाए हैं।
अब वह इस मुद्दे पर अखिलेश यादव से भी बात करेंगे। गौरतलतब हो कि राम नाईक ने विधानसभा स्पीकर को लेटर लिखकर सदन की कार्यवाही की ऑडियो-वीडियो सीडी मांगी थी।
उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2015 और उत्तर प्रदेश नगरपालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2015 को लेकर आजम खान सहित कतिपय सदस्यों ने भी अपने-अपने अभिमत व्यक्त किए हैं।
आजम ने विधानसभा में यूपी नगर निगम संशोधित विधेयक 2015 को राजभवन में रोके जाने का मुद्दा उठाया था। आरोप लगाया था कि एक पार्टी की वजह से इस विधेयक को राजभवन से मंजूरी नहीं मिल पा रही है।
पिछले एक साल से विधेयक राजभवन की मंजूरी के लिए फंसा पड़ा है। बीजेपी के बेईमान मेयरों को बचाने के लिए विधेयक पर साइन नहीं किए जा रहे हैं। इस विधेयक में प्रदेश के मेयरों को भ्रष्टाचार और अन्य गलतियों पर दंडित करने का प्राविधान है।
आजम ने कहा था कि यह तय होना चाहिए कि राजभवन किसी विधेयक को कितने दिन तक रोके रख सकता है। आजम की टिप्पणी और बीजेपी नेता सुरेश खन्ना के विरोध पर विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद पांडेय ने कहा था कि विधेयक को रोकना गवर्नर का अधिकार है।