कानपुर। मौजूदा सालों में नेता व जनप्रतिनिधि अमानवीय शब्दों का प्रयोग कर वाहवाही बटोर रहे हैं। इससे समाज में गलत संदेश जाता है और समाज की नजरों में राजनेताओं की गरिमा भी गिरती है। अपनी गरिमा को बनाए रखने के लिए मंत्री व जनप्रतिनिधि बयानबाजी में मर्यादा न लांघे। यह बात प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कही।
उन्होंने कहा कि राजनीति में गलत बयानों का प्रयोग किया जाना लोकतंत्र को कलंकित करना है। बिना किसी का नाम लिए कहा कि देखा जा रहा है कि चुनावी माहौल अपने पक्ष में करने के लिए जनप्रतिनिधि, मंत्री व राजनेता मर्यादा की सारी हदें पार कर जाते है।
हो सकता है कि इससे चुनावी लाभ मिल जाए लेकिन समाज व खासतौर पर युवा पीढ़ी मे गलत संदेश जाता है। जो युवा प्रदेश व देश के लिए कुछ करने को संकल्पित है, इन बयानबाजी से भ्रमित हो रहा है। ऐसे में मंत्री, जनप्रतिनिधि व राजनेता मर्यादा को न लांघे और समाज को नई दिशा देने का प्रयास करें।
विधानसभा में अनुपूरक बजट के दौरान विपक्षी पार्टियों द्वारा सदन छोड़ने के मामले में राज्यपाल नाईक बोले कि विधान सभा के विधायकों को तो सभी अच्छे से जानते है और उनका व्यवहार लोगां ने देखा है। सभागृह में विरोध प्रदर्शन होता है, लेकिन उसकी एक लक्ष्मण रेखा होती है। विरोध प्रदर्शन करो बहस करो ये जनतन्त्र का एक हिस्सा है।
केजीएमयू नियुक्ति के मामले में बोले कि काउंसिल से शिकायत आईं है। शिकायत करने वाले से भी बात की जा रही है और मामले की जांच की जा रही है। इसमें जो भी तथ्य सामने आएगें, उन पर निर्णय किया जाएगा।
सामाजिक सरोकार में आगे आए स्वयंसेवी
लॉयन्स क्लब ऑफ कानपुर गैंगेज के 40वें अधिष्ठापन समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि सामाजिक सरोकार में स्वयं सेवी संस्थाएं आगे आयें। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान, चिकित्सीय शिविर, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, शिक्षा व खेलकूद, व्यसन युक्ति एव योगे के प्रसार के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं को सक्रिय रहना बहुत जरूरी है।
यह ऐसे क्षेत्र है जिसके बढ़ने से सभ्य समाज का विकास होगा और लोग जागरूक भी होगें। राज्यपाल ने लॉयन्स क्लब की दो पुस्तकों का भी विमोचन किया। इस अवसर पर महापौर जगतवीर सिंह द्रोण, सुभाष खन्ना, टीकम चन्द सेठिया, महेन्द्र कुमार अग्रवाल, प्रदीप अरोड़ा, दीपकराज आनन्द, चित्रा दयाल, प्रभाकर शर्मा, मदनलाल जैन आदि मौजूद रहें।