लखनऊ। मतदाता सूची से नाम नदारद रहने के नाम पर विरोध और हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को 25 जिलों में करीब 52 फीसदी मतदान हुआ जो वर्ष 2012 की तुलना में करीब आठ प्रतिशत अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ तथा समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पैतृक शहर इटावा समेत अन्य इलाकों में कड़ी सुरक्षा के बीच लोगों ने कतारबद्ध होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
इस दौरान कई मतदान केन्द्रों पर मतदाता सूची से नाम गायब रहने और फर्जी वोटिंग के नाम पर विरोध के साथ सुरक्षा बलों के साथ धक्का मुक्की हुयी जबकि इक्का दुक्का क्षेत्रों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के खराब होने के कारण मतदान कुछ समय के लिये प्रभावित हुआ।
कलराज और सुलखान का नाम मतदाता सूची से गायब
निकाय चुनाव के मतदान के दूसरे चरण में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा सांसद कलराज मिश्र और पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह मतदाता सूची में गड़बड़ी का शिकार हो गये।
वोट डालने मतदान केन्द्र पहुंचे मिश्र को मतदाता सूची में नाम नहीं हाेने के कारण मताधिकार का प्रयोग किए बिना वापस होना पड़ा जबकि रिवर व्यू अपार्टमेंट के निवासी पुलिस महानिदेशक लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण वोट डालने नहीं गए।
देवरिया के सांसद मिश्र राजधानी लखनऊ में महानगर विस्तार स्थित एक पोलिंग बूथ पर वोट डालने पहुंचे मगर मतदाता सूची में नाम न होने के कारण उन्हे बगैर वोट डाले लौटना पड़ा।