लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। रजा का निकाह पंजीकरण कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से निरस्त हो गया है। हालांकि इस मामले में मंत्री ने सफाई देते हुए कहा है कि उनका पंजीकरण रद्द नहीं हुआ है। इस संदर्भ में जल्द ही सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में शादियों के पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया था। मुस्लिम संगठनों द्वारा सरकार की इस पहल के विरोध के बीच वक्फ और हज मंत्री मोहसिन रजा ने अपने निकाह का पंजीकरण करवाकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं लेकिन अब उनका ही पंजीयन आवेदन निरस्त हो गया है।
कहा जा रहा है कि तय सीमा में जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी नहीं होने से उनका आवेदन निरस्त हुआ है। अब मंत्री को नए सिरे से प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
मंत्री मोहसिन रजा ने हालांकि इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि निकाह पंजीकरण रद्द नहीं हुआ है। कानून के मुताबिक तीन महीने के भीतर पंजीकरण प्रमाणपत्र ले लेना चाहिए लेकिन मैं व्यस्तता के कारण प्रमाणपत्र लेने नहीं जा सका। इस मामले में आगे जो भी कार्रवाई जरूरी है, उसे पूरा किया जाएगा।
गौरतलब है कि रजा ने निकाह के करीब 16 साल बाद तीन अगस्त को निकाह पंजीकरण का आवेदन दिया था। जिसके बाद अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार के कार्यालय से प्रमाणपत्र के लिए दो बार मंत्री को फोन से जानकरी दी गई लेकिन उनके उपस्थित नहीं होने की वजह से निकाह पंजीकरण रद्द कर दिया गया।