लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान अपने कारनामों के कारण सुर्खियों में रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के साथ महिला गैंगरेप में आरोपी बनाए गए तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सक्रिय हुई लखनऊ पुलिस ने मंगलवार को महिला से गैंगरेप के आरोपियों में से तीन लोगों रूपेश्वर, विकास वर्मा और अमरेन्द्र उर्फ पिन्टू की गिरफ्तारी कर ली। तीनों ही आरोपियों पर दर्ज मुकदमें में कार्रवाई करते हुये जेल भेजा जा रहा है।
वहीं पुलिस टीम मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी के लिए सुबह से ही उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
बताया जा रहा है कि एक महिला को नौकरी का झांसा दे कर उसके साथ गैंगरेप करने और बाद में उसकी पुत्री के साथ दुराचार के आरोप में अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति और उनके साथ आरोपी बनाए गए लोगों में सबसे पहले गनर चन्द्रपाल की गिरफ्तारी हुई।
इसके बाद लखनऊ पुलिस गायत्री प्रजापति के सरकारी आवास और अमेठी स्थित मकान पर छापेमारी की लेकिन पुलिस के हाथ खाली रहे।
कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में है गायत्री
समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते हुये भ्रष्टाचार और महिला से गैंगरेप के आरोपी बने गायत्री प्रजापति पर पुलिस का शिकंजा कसा है और किसी भी समय पुलिस के हाथ उस तक पहुंच सकते है। इसी बीच गायत्री प्रजापति कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में है।
पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए उच्च न्यायालय के चारों ओर खुफिया जाल बिछा दिया है। बता दें कि वर्ष 2016 में विवादों में आये गायत्री प्रजापति का नाम कई जगहों पर आया और उन पर लगे आरोपों में वह घिरते चले गए।
खनन मंत्री रहते हुए गायत्री प्रजापति पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया। बाद में गायत्री को परिवहन मंत्री बना दिया गया।
गायत्री प्रजापति के यहां दौड़ रही एक महिला इसी बीच मीडिया के सामने आई और उसने गायत्री और उसके सहयोगियों द्वारा रेप करने का आरोप लगाया। इसकी जांच शुरू हुई और गायत्री प्रजापति के रसूख के आगे पुलिस वाले कमजोर पड़ने लगे।
इस पर महिला ने अपनी बेटी के साथ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। सर्वोच्च न्यायालय से आदेश जारी होने के बाद जब पुलिस पर गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ा तो इधर गायत्री और उसके साथी फरार हो गए।
वहीं विधानसभा चुनाव 2017 में गायत्री प्रजापति के कारनामों को विपक्षी दलों ने चुनावी मुद्दे के रूप में उठाया। पुलिस ने गायत्री प्रजापति के गनर को हिरासत में ले लिया और एक के बाद एक कई ठिकानों पर छापेमारी की।
गायत्री की गिरफ्तारी को लेकर न्यायालय से बढ़ते दबाव के कारण पुलिस ने एक सख्त कार्रवाई में 14 मार्च को समूचे मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ में मालूम हुआ कि गायत्री प्रजापति न्यायालय में सरेंडर करने की योजना बना रहा है।
इसको देखते हुये राजधानी पुलिस ने अपने खुफिया तंत्र और स्थानीय पुलिस के जांबाज जवानों को उच्च न्यायालय परिसर के चारों ओर निगरानी पर लगा दिया है जिससे गायत्री प्रजापति की पुलिसिया गिरफ्तारी हो सके।