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उत्तराखंड जंगल की आग बुझाते पुलिस कांस्टेबल की मौत - Sabguru News
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उत्तराखंड जंगल की आग बुझाते पुलिस कांस्टेबल की मौत

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उत्तराखंड जंगल की आग बुझाते पुलिस कांस्टेबल की मौत
Uttarakhand : constable dies dousing fire in chamoli district
Uttarakhand : constable dies dousing fire in chamoli district
Uttarakhand : constable dies dousing fire in chamoli district

देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में जंगलों की आग बुझाने के प्रयास में सोमवार को एक पुलिस कांस्टेबल की मृत्यु हो गई जबकि वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाने में मिल रही सफलता से ‘एक्टिव फायर’ की संख्या घटकर महज 40 रह गई। हालांकि जानबूझकर जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरतार भी किया गया।

चमोली की पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि चीडा में आग बुझाने के काम में लगे पुलिस कांस्टेबल पंकज चौहान पर शाम को पहाडी से एक बोल्डर गिर पडा, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने कांस्टेबल चौहान के परिजनों को चार लाख रूपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।

इस बीच, प्रदेश के जंगलों में लगी आग से चिंतित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्यपाल कृष्णकांत पाल को पत्र लिखकर प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने को कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्यपाल को वनाग्नि से निपटने के लिए कें सरकार से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की जरूरत से उन्हें तत्काल अवगत कराया जाए।

अपर मुख्य सचिव वन एस रामास्वामी ने यहां बताया कि वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाने में सफलता मिल रही है और एक्टिव फायर की संख्या में कल की तुलना में आज काफी कमी आई। उन्होंने बताया कि आज एक्टिव फायर की संया 40 है जबकि कल यह आंकडा 73 था।

रामास्वामी ने बताया कि आज वनाग्नि की 271 घटनाओं में से 232 पर काबू पा लिया गया। विभिन्न विभागों के 10 हजार से अधिक लोगों को वनाग्नि पर काबू पाने के काम पर लगाया गया है जबकि फायर वॉचर की संख्या भी 3000 से बढाकर हजार कर दी गई है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जंगलों में जानबूझकर आग लगाते पाए जाने पर प्रदेश में अब तक कुल 46 मामले दर्ज किए गए हैं जिन पर वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।