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uttarakhand high court asks govt to put complete ban on liquor in chardham area
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हाई कोर्ट के आदेश पर शराब बंदी से होगा 86 करोड़ के राजस्व का नुकसान

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हाई कोर्ट के आदेश पर शराब बंदी से होगा 86 करोड़ के राजस्व का नुकसान
uttarakhand high court asks govt to put complete ban on liquor in chardham area
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देहरादून। नशाबंदी की दिशा में हाई कोर्ट द्वारा उठाए गए कदम से राज्य को 86 करोड़ के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने स्कूल और धार्मिक स्थलों के आस-पास पांच किमी. के दायरे में तंबाकू सेवन और बिक्री पर रोक लगाने से भी सरकार को राजस्व की बड़ी हानि होगी।

चमोली जिले में शराब की 15 दुकानों से 36 करोड़ का राजस्व, रूद्रप्रयाग की 09 दुकानों से 22 करोड़ और उत्तरकाशी में 18 दुकानों से 28 करोड़ का राजस्व आता है।

हाई कोर्ट के आदेश पर शराब बंदी से सरकार को कुल 86 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा। इस बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सुरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि अभी सरकार कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रही है।

अध्ययन के बाद जो भी प्रदेश के हित में होगा वो कदम उठाया जाएगा। मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

आबकारी सचिव चंद्रसिंह नपलच्याल के कार्यालय ने बताया कि वे अवकाश पर है और 13 दिसंबर के बाद ही कार्यालय आएंगे उसके बाद ही इस पर कोई प्रतिक्रिया मिल पाएगी।

बताते चलें कि गुरुवार को हाईकोर्ट नैनीताल ने अपने एक अहम फैसले में तीर्थनगरी ऋषिकेश समेत रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिले में अगले वित्तीय वर्ष से शराब, बीयर व नशीली वस्तुओं की बिक्री पर पूर्ण पाबंदी लगाने के आदेश पारित किए हैं।

साथ ही शासन को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि राज्य में कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर शराब व नशीली वस्तुओं का सेवन न कर पाए।

कोर्ट ने गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब, रीठासाहिब व हेमकुंड साहिब के पांच किमी. दायरे में तंबाकू के सेवन व बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

अगले वित्तीय वर्ष से सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सालयों व धार्मिक स्थलों के एक किलोमीटर दायरे में कोई भी शराब की दुकान नहीं खोली जाएगी।

कोर्ट ने यह फैसला हरिद्वार निवासी उदय नारायण तिवारी की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

याचिका में कहा गया था कि ऋषिकेश व चारधाम यात्रा मार्ग में बैंक्वेट हॉल में बार चलाए जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में पिछले दिनों ही वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायाधीश आलोक सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई पूरी कर दी थी।

गुरुवार को इसका फैसला जारी किया गया। आदेश में राज्य सरकार से राज्य में धीरे-धीरे शराब की बिक्री कम करने के निर्देश देते हुए कहा गया है कि आम जनता का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण अधिकार है। शराब की वजह से आमजन के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

कोर्ट ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति शराब पीकर किसी तरह का शोर शराबा या हुड़दंग न करे इसके लिए सरकार प्रयास करे। यही नहीं कोई व्यक्ति अपने घर या परिसर में शराबियों को एकत्र नहीं करेगा।