नई दिल्ली। उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट से पहले हाईकोर्ट ने कांग्रेस के 9 बाग़ी विधायकों को अयोग्य करार दिया है। हाईकोर्ट ने बाग़ी विधायकों की याचिका खारिज कर दी है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने फैसले में कहा है कि कांग्रेस के 9 बाग़ी विधायक अयोग्य ही रहेंगे। विधायकों ने स्पीकर द्वारा अयोग्य ठहराए जाने को अदालत में चुनौती दी थी। शनिवार को हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद ये सभी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं जहां मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले को दीपक मिश्रा की बेंच के पास भेज दिया है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा में मंगलवार को होने वाले शक्ति परीक्षण में बाग़ी विधायकों के वोट डालने पर रोक लगा रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुबह 11 बजे उत्तराखंड विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया है।
विधानसभा के प्रधान सचिव की निगरानी में दोनों पक्ष वोटिंग करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बहुमत साबित करने का पहला मौका देने का फैसला किया है।
फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। वोटिंग और मतदान की वीडियोग्राफी को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 11 मई को होगी।