नई दिल्ली। उत्तराखंड में कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को कहा है कि वह अदालत के आभारी हैं। उनके साथ न्याय हुआ है और मंगलवार को होने वाले शक्ति परीक्षण में भी उनके साथ न्याय होगा।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद पत्रकारों से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि कोर्ट पर हमें पूरा भरोसा है कि भविष्य में भी हमारे साथ ही न्याय होगा। हम अदालत के फैसलों का स्वागत करते हैं।
भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय, अमित शाह और श्याम जाजू जो कि विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल हैं अगर नार्को टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं तो फिर वह सबसे पहले नार्को टेस्ट करवाएंगे। उन्होंने कहा कि 10 मई के नतीजों के बाद वह ब्लैकमेलरों के खिलाफ युद्ध छेड़ेंगे।
विधायकों के खरीद फरोख्त के स्टिंग वीडियो के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा सोमवार को समन किए जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि वह आज सीबीआई के समक्ष पेश नहीं हो पाएंगे।
रावत ने कहा कि सीबीआई के समक्ष पेश होंगे और उन्हे सभी जरूरी जानकारियां देंगे। लेकिन इसके लिए मुझे थोड़ा समय चाहिए। मैंने सीबीआई से कुछ समय की मोहलत मांगी हैं। मुझे उम्मीद है कि सीबीआई मेरी कठिनाई समझेगी और मुझे समय देगी।
स्टिंग के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि अब कोई सेल्फी भी लेता है तो डर लगता है। ऐसा मेरे साथ ही नहीं बहुत से नेताओं के साथ हो रहा है। ऐसा लगता है कि उत्तराखंड स्टिंगबाजों की धरती हो गई है।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर हरीश रावत ने कहा कि एक न्यायिक आयोग बनाया जाए जो बीजेपी और मेरे कार्यकाल की जांच करें, मैं जांच को तैयार हूं। साथ ही मैंने यह ऑफर भी किया है कि अगर किसी को शक है और भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री तैयार हैं तो मैं उनसे अपनी संपत्ति की अदला-बदली करने को तैयार हूं। इससे साफ हो जाएगा कि मैंने कितनी संपत्ति बनाई हैं।