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uttarakhand polls : congress leader ND Tiwari, son rohit shekhar joins BJP
Home Breaking एनडी तिवारी ने छोडी कांग्रेस, बेटे समेत भाजपा में शामिल

एनडी तिवारी ने छोडी कांग्रेस, बेटे समेत भाजपा में शामिल

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एनडी तिवारी ने छोडी कांग्रेस, बेटे समेत भाजपा में शामिल
uttarakhand polls : congress leader ND Tiwari, son rohit shekhar joins BJP
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नई दिल्ली। जीवन के नौ दशक पूरे कर चुके वरिष्ठ नेता एन.डी. तिवारी ने कांग्रेस को अलविदा कह कर अपने बेटे रोहित शेखर के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दोनों को अपने आवास पर पार्टी की सदस्यता दिलाई।

बताया जा रहा है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए यह फैसला किया गया है। चर्चा है कि रोहित हल्द्वानी सीट से उम्मीदवार हो सकते हैं। दरअसल, एन.डी. अपने पुत्र रोहित शेखर को राजनीति में स्थापित करने को प्रयासरत थे।

यूपी में अखिलेश यादव ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दे रखा था, लेकिन एनडी जैसे अनुभवी राजनेता को पता है कि राजनीति की बुनियाद उस वक्त तक मजबूत नहीं होती, जब तक जनता के प्रतिनिधि के रूप में स्थापित न हो जाया जाए।

इसलिए पहले उन्होंने बेटे को समाजवादी पार्टी से यूपी की किसी सीट से टिकट दिलाने की कोशिश की। जब उनकी यह कोशिश परवान नहीं चढ़ी तो उन्होंने उत्तराखंड में बीजेपी से टिकट दिलाने की कोशिश शुरू की।

वह जिस सीट से टिकट दिलाना चाह रहे हैं, उस सीट पर अभी बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित भी नहीं किया है। इसी के मद्देनजर एन.डी. तिवारी के बीजेपी में जाने की चर्चा शुरू हुई।

एन.डी तिवारी के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही उत्तरखंड के सभी पूर्व सीएम बीजेपी के पाले में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं। देहरादून की चकराता, विकासनगर और धर्मपुर और नैनीताल की हल्द्वानी, भीमताल और रामनगर सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस से आए 11 में से 9 को टिकट मिला है। दो के परिजनों को भी टिकट दी गई है।

बेटे के लिए नई पारी खेलने की तैयारी

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली की सियासत में भी शानदार पारी खेल चुके एनडी तिवारी अब सियासत में बेटे को स्थापित करने के लिए एक नई पारी खेलने की तैयारी में हैं। तिवारी 3 बार उत्तर प्रदेश और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

2007 में वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए थे। इसके अलावा उन्होंने 80 के दशक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई है। वह कांग्रेस के पुराने सिपाही और मौजूदा समय में सर्वाधिक राजनीतिक अनुभव वाले नेताओं में से एक हैं।