नई दिल्ली। चीन द्वारा आतंकी करार दिए गए डोल्कुन ईसा को भारत द्वारा वीजा जारी किए जाने और उसकी धर्मशाला यात्रा को कांग्रेस पार्टी ने सहज बताया है। कांग्रेस के अनुसार यह चीन की आतंक पर प्रायोजित नीति का जवाब है। डोल्कुन ईसा की भारत यात्रा को जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर पर चीन के निर्णय के समकक्ष नहीं माना जा सकता।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने शनिवार को चीन में प्रतिबंधित वर्ल्ड उईगर कांग्रेस के नेता डोल्कुन ईसा को भारतीय वीजा देने पर चीन के ऐतराज जताए जाने पर कहा कि चीन जैसे पड़ोसी देश के साथ भारत की यह नीति बेहद सहज है।
उन्होंने कहा कि डोल्कुन ईसा का भारत में शरण लिए हुए तिब्बितयों के निर्वासित धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात और उनका एक कार्य़क्रम में हिस्सा लेना आतंकी मसूद अजहर के मामले से बिल्कुल अलग है।
दीक्षित ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में चीन के रवैये से चीन की भारत के खिलाफ आतंकवादी प्रायोजित नीति स्पष्ट हो गई है।
मसूद अजहर पर चीन के बर्ताव और डोल्कुन ईसा पर भारत के निर्णय में कोई समानता नहीं की जा सकती, दोनों ही मुद्दों के मिजाज में बहुत अंतर है। जानकारी हो कि डोल्कुन ईसा चीन में आतंकी करार दे दिया गया है।
ईसा वर्ष 2004 से 2009 तक वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के महासचिव रहे हैं। वे इस संगठन के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। चीन का मानना है कि उइगर नेता मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।
जबकि इस कांग्रेस का मकसद पूरे विश्व को यह बताना है कि वह किस प्रकार तुर्की मूल के मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत के लोगों के अधिकारों को शांतिपूर्ण्, अंहिंसक और लोकत़ांत्रिक तरीके से प्रोत्साहित करना चाहती हैं।