अजमेर/जयपुर। राजस्थान में एक और बॉलीवुड फिल्म के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। वाल्मीकि समुदाय के सदस्यों ने शुक्रवार को कई सिनेमाघरों में सलमान खान-कैटरीना कैफ अभिनीत फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ के सुबह के शो को बाधित किया।
वाल्मीकि समुदाय एक प्रचारक सम्मेलन के दौरान सलमान द्वारा अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किए जाने का विरोध कर रहा है। प्रदर्शनकारियों ने नहरगढ़ पुलिस थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है।
नाहरगढ़ पुलिस थाने के प्रभारी भंवरलाल ने कहा कि वाल्मीकि युवा संगठन के सदस्यों ने एक शो में ‘भंगी’ शब्द का इस्तेमाल करने पर सलमान खान और शिल्पा शेट्टी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सदस्यों ने एक विशेष समुदाय का अपमान करने के लिए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने हरिजन जाति के लिए जो शब्दों का प्रयोग किया है वह इन्हें शोभा नहीं देते। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी जो इस मामले पर विचार करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सलमान ने ‘घटिया भाषा’ का उपयोग कर वाल्मीकि समुदाय का अपमान किया है। सलमान के अपमानजनक शब्द बोलने वाल वीडियो वायरल हो गया है जिसके कारण अजमेर में तनाव पैदा हुआ है।
इससे पहले, अजमेर से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन जल्द ही जयपुर और कोटा पहुंच गए। जिसके बाद शुक्रवार को देश के कई सिनेमाघरों में सुबह के शो को रद्द कर दिया गया। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है।
गुरुवार रात देर रात गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने मृदंग थियेटर पहुंचकर फिल्म के पोस्टर फाड़ डाले और कई ने अभिनेता के पोस्टर में आग लगा दी।
सूत्रों ने पुष्टि की, उन्होंने सिनेमा हॉल के मालिकों को फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए चेतावनी दी थी और ऐसा न करने पर उन्हें बड़ी कीमत भुगतने की बात कही थी।
यह फिल्म अली अब्बास जफर द्वारा निर्देशित की गई है और यह कबीर खान की ब्लॉकबस्टर ‘एक था टाइगर’ का अगला भाग है। वाल्मीकि समुदाय के लोग जयपुर के प्रसिद्ध राजमंदिर सिनेमा हॉल के बाहर इकट्ठे हुए और फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए।
एक पुलिस दल तुरंत मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारियों को शांत करने में कामयाब रहा। प्रदर्शनकारी एक शो के दौरान समुदाय के खिलाफ अभिनेता द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी पर अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे थे।
राजमंदिर के सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के 9.30 बजे सिनेमा हॉल में पहुंचने की उम्मीद थी। यह उम्मीद थी कि वे फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने में सक्षम होंगे। हालांकि, सुबह कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं था। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, फिल्म के पोस्टर को जला दिया और चले गए। कोटा में आकाश सिनेमा हॉल में भी इसी तरह का नजारा देखने को मिला।