वापी। वापी में जमीन पर नजर गड़ाए समाजकंटकों को पुलिस का भय नहीं रह गया है और ऐसे तत्व जमीन कब्जाने के लिए अब जानलेवा हमला से भी नहीं चूक रहे हैं।
सोमवार रात कराया में एक जमीन पर कब्जा करने के इरादे से पहुंचे कुछ लोगों ने वहां मौजूद चौकीदारों की निर्ममता से पिटाई कर घायल कर दिया। जिसमें से गंभीर रुप से घायल तीन को हरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद से तनावपूर्ण हालात को देखते हुए पुलिस को तैनात किया गया है।
जानकारी के अनुसार वापी गीतानगर निवासी बंटी मकन पटेल ने अप्रेल 2015 में कराया गांव में जमीन खरीदी थी। मूल जमीन मालिक और उसके पूरे परिवार के लोगों का सहमति पत्र नोटरी व दस्तावेज भी हो चुका है। लेकिन बीते कई महीने से कुछ लोगों ने इस जमीन को लेकर विवाद उत्पन्न कर मामले को उलझाने की कोशिश की। मगर बंटी पटेल द्वारा दस्तावेज व अन्य जरुरी कागजात पेश करने पर पुलिस बंदोबस्त के बीच उक्त जमीन पर तार कंपाउन्ड किया गया है। जमीन की देखरेख के लिए कुछ चौकीदारों को भी वहां रखा गया है।
बताया गया है कि मंगलवार देर रात करीब 20 से 25 लोगों ने वहां धावा बोल दिया और चौकीदारों की पिटाई शुरु कर दी। जिससे वहां से सभी भाग गए मगर कृष्णपाल सिह, रणविजय सिंहत और रामबल्लू नामक तीन चौकीदारों को हमलावरों ने पकड़कर लाहे के रॉड व अन्य हथियार से घायल कर दिया। बताया गया है कि लोगों में दहशत कायम करने के लिए पहले छह राउन्ड हवा में फायरिंग भी की गई।
रात में घटना की सूचना पाकर डुंगरा पुलिस पूरे काफिले के साथ मौके पर पहुंची मगर सभी आरोपी फरार हो गए। बाद में मरणासन्न हालत में तीनों को पुलिस ने हरिया अस्पताल पहुंचाया। जहां दो की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की जानकारी पाकर मौके पर डीएसपी एचएम कुंडलिया व एफएसएल की टीम भी पहुंची थी। घायलों के बयान पर डुंगरा पुलिस ने मनीष माह्यावंशी, शैलेष, केतन, सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु की है।
पहले भी दर्ज है शिकायत
गौरतलब है कि जमीन पर मनीष माह्यावंशी, शैलेष मकवाना, केतन और सूरज पटेल के खिलाफ फरवरी में कब्जा करने के इरादे से विवाद करने के मामले में मामला दर्ज हो चुका है। मगर आरोपी पुलिस की गिरत में नहीं आया था। इसके बाद 11 फरवरी को मनीष ने जमीन से हटने के लिए बंटी से 20 लाख रुपए का हता और न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
शिकायत पर मनीष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज न होने पर बंटी ने इस संदर्भ में मनीष, रुपेश पटेल और परिमल पटेल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और जान माल की सुरक्षा के लिए एसपी, आईजी सहित अन्य लोगों को आवेदन दिया था। मगर मामला दर्ज नहीं हो पाया था। जिसके बाद फिर से यह घटना होने से लोगों में भय है। फरियादी के अनुसार यदि पहले ही मामला दर्ज कर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती तो नौबत इतनी नहीं आती। वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि आरोपी इससे पहले भी कई जमीनों में विवाद उत्पन्न कर चुका है।