वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के गंगा आरती देखने के दौरान दशाश्वमेध घाट पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम की पोल खुल गई।
प्रधानमंत्री के मौजूदगी के दौरान ही परिंदा भी न पर मार सकेगा जैसी अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था का दावा करने वाले अधिकारी और जवान घाट पर से हट गए जिसके कारण सुरक्षित क्षेत्र में भी लोग घुसने लगे।
आचानक हालात बेकाबू होते देख सुरक्षाधिकारियों का हाथ पांव फुल गए और भागे—भागे वहां पहुंचे लोगों को हटाया। इसके थोड़ी देर बाद ही वीवीआईपी गंगा आरती देख नदेसर स्थित होटल गेटवे में चले गए तब जाकर अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
बता दें कि प्रधानमंत्री के आगमन के पूर्व सुरक्षा एजेंसियों ने हाईअलर्ट घोषित कर जल-नभ और थल में कड़ी निगरानी का दावा किया था।
सुरक्षा व्यवस्था गडबडाने और पास गायब होने से खफा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने के दौरान उनसे मिलने और चेहरा दिखाने के लिए आतुर भाजपा नेताओं को उस वक्त मायुसी हाथ लगी क्योंकि बिना पास उन्हें घाट पर प्रवेश की मंजूरी नहीं मिली।
कड़कदार कुर्ता पैजामा, सदरी पहन कर घाट पर पहुंचे कई नेताओं को वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। कुछ नेताओं ने रुआब झाडना चाहा तो सुरक्षाकर्मियों ने दो टुक कहा कि पास है तो दिखाईए नहीं यहां से चले जाइए।
मायूस नेता सुरक्षा व्यवस्था और भाजपा कार्यालय के नेताओं को कोसते हुए वापस लौट गए। इस दौरान चर्चा रही कि भाजपा कार्यालय से लगभग अस्सी स्थानीय नेताओं का पास गायब कर दिए गए। इसको लेकर मायूस हो कर लौटने वाले नेताओं में गुस्सा भी रहा।
पीठ थपथपाने पर महापौर गदगद
गंगा आरती देखने के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सफाई व्यवस्था से खुश हो कर महापौर रामगोपाल मोहले की पीठ मंच से उतरते ही थपथपाई तो महापौर गदगद हो गए। यह देख महापौर के विरोधी गुट के नेता जलभुन कर राख हो गए। इसको लेकर लोग तरह तरह से चर्चा करते देखे गए।