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जानिए कितनी रंग लाई वाराणसी में प्रधानमंत्री की कैंपिंग

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जानिए कितनी रंग लाई वाराणसी में प्रधानमंत्री की कैंपिंग
pm modi visits Gadwaghat ashram in varanasi, offers prayers, feeds cows
pm narendra modi vists ancestral house of lal bahadur shastri in varanasi
pm narendra modi vists ancestral house of lal bahadur shastri in varanasi

सबगुरु न्यूज-वाराणसी। वाराणसी पर देश की नजर है। राजनीति के जानकारों की मानें तो भारत के इतिहास में यह पहला समय होगा जब कोई प्रधानमंत्री विधानसभा चुनावों के लिए इस तरह से अपने लोकसभा क्षेत्र में न सिर्फ रुका बल्कि वहां पर रैलियां और अपनी पार्टी के लिए प्रचार भी किया। इसका परिणाम सामने भी आया, वाराणसी जिले में ऐतिहासिक मतदान दर्ज किया गया। जिले की आठ विधानसभा सीटों पर करीब 64  फीसदी मतदान दर्ज किया गया।

 

इतना मतदान पिछले तीन चुनावों में कभी दर्ज नहीं किया गया। ऐसे में राजनीतिक पंडितों के भी सिर चकरा गए हैं कि आखिर यह अतिरिक्त पोलिंग किस पार्टी की झोली में जाएगी।
यदि यह अतिरिक्त पोलिंग प्रधानमंत्री के खिलाफ है तो इसका फायदा सपा गठबंधन और बसपा को मिलना तय है। यदि यह पोलिंग मुख्यमंत्री के खिलाफ है तब भी भाजपा के साथ बसपा को भी फायदा मिलेगा। ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश में धीमी गति से ही सही, लेकिन बसपा बेहतर स्थिति में आ सकती है। वैसे पिछले चुनावों में सपा और कांग्रेस के मतदाताओं की संख्या को जोडा जाए तो यह गणित कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में जाता हुआ ज्यादा दिख रहा है।
आम तौर पर ज्यादा पोलिंग सत्ताविरोधी रूझान को ज्यादा दिखाती है। अब यह केन्द्र की सत्ता के खिलाफ है या राज्य की सत्ता के खिलाफ यह समय बताएगा, लेकिन यह तय है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन और भाजपा को हराने के लिए एकजुटता के लिए है तो यह दोनों पाटियों को हराने की मंशा रखने वाले मतदाताओं के लिए बसपा सबसे ज्यादा मुफीद पार्टी रहेगी। वैसे महिलाओं का मतदान प्रतिशत इस बात का इशारा करता है कि भाजपा को वाराणसी की आठ सीटों पर फायदा मिल सकता है।
यहां देखने लायक बात यह है कि बुधवार को हुई पोलिंग में लोकसभा चुनावों से भी ज्यादा मतदान हुआ है। तो क्या यह अतिरिक्त मतदान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सांसद के रूप में किए गए कार्यों के पक्ष में गया होगा। यदि वाराणसी का मतदान वाराणसी में प्रधानमंत्री की ओर से करवाए गए विकास कार्यों के लिए गिरा है तो संभवतः यह उनके खिलाफ गिरा हो, क्योंकि यहां कोई बडा विकास स्वयं भाजपा नहीं गिना पाई है।

अजगरा में ऐतिहासिक पोलिंग हुई हैं। यहां पर 68.17 प्रतिशत पोलिंग इस सीट को फिर से बसपा की झोली में जाने की ओर इशारा कर रही है। वाराणसी दक्षिण में मतदान प्रतिशत गत विधानसभा चुनाव से करीब 11 प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ है। यहां पर  भाजपा के श्यामदेव राय चैधरी लगातार 1989 से जीतते आ रहे हैं और यहां पर इस बार तीनों पार्टियों ने ब्राहम्ण को टिकिट दिया है। तो यहां पर अतिरिक्त पोलिंग भाजपा के लिए एंटी इंकम्बेंसी होगी।

इसी तरह सेवापुरी में गत चुनाव से 3.15 प्रतिशत, पिंडरा में 5.25 प्रतिशत, वाराणसी उत्तर में 9 प्रतिशत, रोहनिया में सिर्फ 1.35 प्रतिशत, कैंट में 6.88 प्रतिशत, शिवपुर में करीब 4.50 प्रतिशत पोलिंग ज्यादा हुई है। इनमें वाराणसी केंट और वाराणसी उत्तर को छोडकर शेष सभी सीटें भाजपा के अतिरिक्त दूसरी पाटियों के पास रही हैं।

इसमें भी वाराणसी उत्तर में भाजपा के वर्तमान प्रत्याशी पिछले चुनाव में बसपा के प्रत्याशी को मात्र 2000 मतों से ही हरा पाए थे। वहीं एनडीए के घटक दल अपना दल के कब्जे वाली रोहनिया सीट पर मात्र डेढ प्रतिशत ही अतिरिक्त पोलिंग हुई है जबकि यहां पर अनुप्रिया पटेल की मां स्वयं उनके विरोध में हैं।