सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे माउंट आबू में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जयपुर में योजनाएं बना रही हैं और उन्ही की पुलिस महिला पर्यटकों को छेड़ने वालों की दलाली कर रही है।
घटना शनिवार रात की है माउंट आबू में एक परिवार घूमने आया। सूत्रों के अनुसार उनके साथ की महिला के साथ कुछ शराबियों ने अभद्रता की, ये लोग माउंट आबू थाने पहुंचे तो पुलिस ने इन्ही के खिलाफ मामला दर्ज करने और छेडछाड करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने पर बार-बार माउण्ट आबू आने अप्रत्यक्ष धमकी देते हुए छेड़छाड़ करने वालों के साथ इनका समझौता करवा दिया।
विश्वस्त और प्रत्यक्षदर्शी सूत्रों के अनुसार बात शनिवार रात की है। राजस्थान में ही राजस्थान सरकार के विभागों में कार्यरत एक दंपत्ति शनिवार रात को अपने बच्चों के साथ गुजरात के अम्बाजी के दर्शन करने के बाद माउंट आबू पहुंचा। अम्बाजी के दर्शन करके दिनभर थकने के बाद यहाँ पर वे खाना खाने के लिए जाने लगे।sabguru.com। इसी दौरान कुछ युवक आये और उनकी पुत्री के साथ छेड़ छाड़ की। ये देखकर शराब पीकर छेड़छाड़ करने वाले युवकों को उनके दामाद ने खदेड़ दिया।
ये परिवार इस घटना के बाद वही आइसक्रीम खाने के लिए रुक गया। इतने में कुछ युवक आये और दंपत्ति के दामाद से जबरदस्त मारपीट की। इस मारपीट की जानकारी मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और छेड़ छाड़ करने वाले युवकों को पकड़ा, इसी दौरान दंपत्ति के लहूलुहान हुए दामाद की उन युवकों के साथ बोलचाल हो गयी तो पुलिस उनके दामाद को भी ये कहते हुए ठाणे ले आयी कि पुलिस के सामने उसने इन युवकों से गली गलोच की। थाने लाकर इस दंपत्ति पर युवती से अभद्रता करने और मारपीट करने का मामला दर्ज नहीं करवाने का दबाव बनाने लगी।
पुलिस ये कहते हुए राजस्थान सरकार में नुमाइंदगी कर रहे इस दंपत्ति को दबाव में लेने लगी कि यदि वेछेड़छाड़ करने वाले युवकों पर कार्रवाई करेगी तो पुलिस उनके दामाद के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी।ऐसा करने पर उन्हें बार बार माउंट आबू आना होगा। इसके लिए वे छेड़छाड़ करने वाले शराबी युवकों पर कोई मामला दर्ज नहीं करवाएं। आरोप ये भी है कि इस दबाव में पर्यटक दंपत्ति और उनके पूरे परिवार से रात को 12.30 बजे राजीनामा तैयार करवाकर पूरे परिवार से ये लिखवाया कि वे युवकों के खिलाफ भविष्य में कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं करेगी। इसके बाद पूरे परिवार को छोड़ा।
इधर, इस प्रकरण के दौरान मौजूद एडवोकेट बद्रीलाल काबरा ने सुबह सबगुरु न्यूज को दूरभाष पर बताया कि इस प्रकरण के दौरान वे भी पुलिस स्टेशन में मौजूद थे। छेडछाड और मारपीट हुई थी। मारपीट उनकी दुकान के सामने ही हुई थी, जिससे उनकी दुकान में भी नुकसा पहुंचा था। इस पर वे भी मारपीट करने वाले युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे।
काबरा ने बताया कि उन्होंने दम्पत्ति से छेडछाड का मुकदमा दर्ज करवाने को भी कहा था। काबरा ने बताया कि पीडित पक्ष के साथ आए युवक ने मुकदमा दर्ज करवाने पर बार-बार माउण्ट आबू आने की समस्या का हवाला देते हुए समझौता करने को कहा। रात को करीब एक बजे तक सभी थाने में ही थे और समझौते पर हस्ताक्षर के बाद वे लोग गए। काबरा का कहना है कि उदयपुर के पीडित परिवार के साथ पुलिस और बाकी लोगों को व्यवहार सहयोगात्मक था।
राजस्थान के गृह मंत्री ने माना, पुलिसकर्मियों का व्यवहार अच्छा नहीं
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