जयपुर. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सरकार प्रदेश में तीन कैंसर उपचार सेंटर खोलने जा रही है। इसके बाद राज्य के कैंसर पीड़ित गरीब व्यक्तियों को उपचार के लिए राज्य के बाहर नहीं जाना पडे़गा। उन्होंने बताया कि राज्य के झालावाड, बीकानेर एवं जयपुर में यह सेंटर खोले जाएंगे। ये सेंटर खोलने के लिए लिस्बन के शैम्पलीमो फाउण्डेशन से करार किया गया है। वे मंगलवार को कोटा में भारत विकास परिषद की ओर से 1.25 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित ब्लड बैंक तथा नवीनीकृत ओपीडी ब्लाॅक के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि दूर दराज के गरीब व्यक्ति को भी बेहतर चिकित्सा सेवाओं का पूरा लाभ मिले। इसके लिए धन्वन्तरि एम्बुलेंस के माध्यम से गांव-ढ़ाणी के रोगी को अस्पताल तक पहुंचाया जाएगा। राज्य सरकार ने चिकित्सा सेवाओं के विस्तार की दृष्टि से प्रदेश में 7 मेडिकल काॅलेज खोलने का कार्य हाथ में लिया है।
कोटा मेडिकल काॅलेज को पिछली सरकार ने जो राशि उपलब्ध कराई थी, उसका उपयोगिता प्रमाण पत्रा मिलते ही 150 करोड़ रुपए की राशि शीघ्र उपलब्ध करा दी जाएगी। यह राशि भारत सरकार से राज्य सरकार को प्राप्त हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने निःशुल्क दवा योजना को बंद नहीं किया है, बल्कि उसे आगे बढ़ाते हुए भामाशाह योजना में कार्ड धारक व्यक्ति को स्वास्थ्य बीमा के साथ जोड़ने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा चलाई गई जन-धन योजना में भी एक लाख रुपए तक दुर्घटना बीमा का प्रावधान किया गया है।
राजे ने युवाओं की क्षमता संवर्धन योजना के तहत भारत विकास परिषद चिकित्सालय को भी सरकार की ओर से सहायता का भरोसा दिलाते हुए कहा कि यदि यह संस्थान चिकित्सा के क्षेत्रा में तकनीकी प्रशिक्षण के लिए आगे आता है तो सरकार भी सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। उन्होंने भारत विकास परिषद चिकित्सालय के सहयोग के लिए सभी दानदाताओं एवं भामाशाहों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग सबके लिए प्रेरणा स्रोत बनते हैं।
मुख्यमंत्राी ने भारत विकास परिषद चिकित्सालय की स्वच्छता और सफाई व्यवस्था से प्रभावित होकर यहां के सांसद एवं विधायकों का आव्हान किया कि वे भी महाराव भीमसिंह चिकित्सालय मंे इस कार्य को प्रारंभ करें, जिससे कोटा की अन्य चिकित्सा संस्थाएं भी साफ सुथरी बन सकंे।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में जनभागीदारी की आवश्यकता है। उन्हांेने इस संदर्भ में जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था की सराहना करते हुए बताया कि वहां के सभी चिकित्सक एवं स्टाॅफ चिकित्सालय को साफ सुथरा रखने में सक्रिय रूप से जुडे़ हुए हैं।
राजे ने कहा कि सरकार चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ बनाने और आमजन तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने में किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ेगी। साथ ही उन्होंने अपने इस वायदे को भी दोहराया कि जनता ने उनपर जो विश्वास जताया है, सरकार उस पर खरा उतरेगी। राजे ने इस अवसर पर राजमाता विजयाराजे सिन्धिया स्मृति ट्रस्ट की ओर से रक्तदान भवन के इस कार्य में 51 हजार रुपए भी दिए।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्राी श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या और प्रदूषण को चिकित्सा क्षेत्रा में एक बड़ी चुनौती बताया।
उन्होंने बढ़ती हुई दुर्घटनाआंे पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि चिकित्सा बजट में गत वर्ष की तुलना में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
चिकित्सा मंत्राी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में रक्त की महत्ती आवश्यकता होती है और इसे पूरा करने में ब्लड बैंक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में गत वर्ष 5 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता हुई, जिसमें से 4.50 लाख यूनिट रक्त दानदाताओं से प्राप्त हुआ। उन्होंने रक्तदान को मानव सेवा का पुनीत कार्य बताया। समारोह की अध्यक्षता भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम पारीक ने की। इस अवसर पर सांसद श्री ओम बिरला, समाज सेवी श्री सुरेश जोशी, श्री श्याम शर्मा, अरविंद गोयल, विधायक भवानी सिंह राजावत, संदीप शर्मा, श्री प्रहलाद गुंजल, श्रीमती चन्द्रकांता मेघवाल, श्री हीरालाल नागर, श्री विद्याशंकर नंदवाना, जिला प्रमुख श्रीमती मधु कवंर हाडा सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्राी की संवेदनशीलता
मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुधंरा राजे बुजुर्गों का कितना सम्मान करती है और उनके प्रति कितनी संवेदनशील है, इसका उदाहरण समारोह के दौरान देखने को मिला। ब्लड बैंक के निर्माण के लिए जब दानदाताओं को मंच पर सम्मानित करने के लिए पुकारा जा रहा था तो एक बुजुर्ग ओंकारमल पुरोहित को मंच तक पहुंचाने के लिए दो-तीन लोग सहारा देकर ले जा रहे थे, तब मुख्यमंत्राी ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सभी अतिथियों से मेजों के आगे आने को कहा और उनका सम्मान मंच के नीचे ही प्रशस्ति पत्रा देकर किया।