नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद लालकृष्ण आडवाणी ने बुधवार को संसद मे जारी गतिरोध पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मोदी सरकार और विपक्ष दोनों को आडे हाथों लिया। नोटबंदी को लेकर लगातार जारी गतिरोध पर आडवाणी को यह कहते सुना गया कि न तो स्पीकर और न ही संसदीय कार्य मंत्री सदन को चला पा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को सदन में विपक्ष के लगातार हंगामे एवं विरोध पर तथा विपक्ष के कई सदस्यों के नारेबाजी करते हुए सत्ता पक्ष की सीटों के सामने आ जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार से अपनी नाखुशी व्यक्त करते सुना गया।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित किए जाने के तत्काल बाद आडवाणी को यह कहते सुना गया कि न तो स्पीकर और न ही संसदीय कार्य मंत्री सदन को चला पा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वरिष्ठ नेता आडवाणी को यह कहते सुना गया कि मैं स्पीकर से कहने जा रहा हूं कि वह सदन नहीं चला रही हैं। मैं सार्वजनिक तौर पर यह कहने जा रहा हूं। दोनों इसके पक्ष हैं।
इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार को उन्हें शांत करने का प्रयास करते देखा गया। कुमार मीडिया गैलरी की ओर भी इशारा कर रहे थे और संभवतः यह बताने का प्रयास कर रहे थे कि उनकी टिप्पणी को रिपोर्ट किया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सदन स्थगित होने के बाद 89 वर्षीय नेता ने लोकसभा के एक अधिकारी से पूछा कि सदन की बैठक कितने बजे तक के लिए स्थगित की गई है। जब अधिकारी ने बताया कि दो बजे तक के लिए स्थगित की गई है। तब उन्होंने कहा कि अनिश्चितकाल के लिए क्यों नहीं।