नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गयरुल हसन रिजवी पर अलगाववादियों के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाया है और कहा है कि वह मुस्लिम समाज में अलगाववाद की भावना मजबूत कर रहे हैं।
विहिप ने कहा है कि या तो अल्पसंख्यक आयोग भंग कर दिया जाए या फिर बहुसंख्यक आयोग की भी स्थापना की जाए। उल्लेखनीय है कि अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गयरुल हसन रिजवी ने पिछले दिनों मुस्लिम समाज के लिए एक हैल्पलाइन नंबर जारी करते हुए कहा था कि अगर मुस्लिम समाज को कोई सता रहा है, तो वे तुरंत इस पर फोन कर सकते हैं।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने यहां जारी एक बयान में कहा कि पाकिस्तान और अलगाववादी इसी तर्क का प्रयोग कर अपनी भारत विरोधी गतिविधि को उचित ठहराते हैं।
अब उन्हें अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में एक और वकील मुफ्त में मिल गया है। सम्पूर्ण विश्व का घटनाचक्र इस बात का सबूत है कि मुसलमानों को जितने अधिकार भारत में हैं, उतने किसी मुस्लिम देश में भी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि देश अल्पसंख्यक आयोग से जानना चाहता है कि भारत में मुस्लिम समाज पीड़ित है या अत्याचारी। इस पर उन्हें एक विस्तृत बयान जारी करना चाहिए, विहिप उन्हें इस विषय पर खुली बहस की चुनौती देता है।
जैन ने आगे कहा कि अल्पसंख्यक आयोग की अवधारणा ही अलगाववादी मानसिकता की पुष्टि करती है। क्या देश के सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए मानवाधिकार आयोग पर्याप्त नहीं है? उसे अधिक अधिकार देकर अल्पसंख्यक आयोग समाप्त कर देना चाहिए।
अगर ऐसा नहीं हो सकता, तो अविलम्ब राष्ट्रीय बहुसंख्यक आयोग की स्थापना भी करनी चाहिए, जो बहुसंख्यक समाज के भी अधिकारों की रक्षा कर सके।