नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को राज्यसभा में स्पष्ट किया कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के कर्ज को माफ नहीं किया गया है। उनके खिलाफ कार्रवाई जारी है, केवल उनके बैंक खाते में ऋण को बिना वसूली वाले खाते में डाला गया है।
सदन में नोटबंदी पर चर्चा के दौरान मार्क्सवादी सदस्य सीताराम येचुरी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एक तरफ मोदी सरकार कालाधन पर रोक लगाने के नाम पर नोटों को बंद कर रही है। वहीं माल्या जैसे डिफॉल्टरों का ऋण माफ किया जा रहा है।
इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनके भाषण के बीच में ही जवाब देते हुए कहा कि माल्या के कर्ज को माफ नहीं किया गया, बल्कि राइट ऑफ किया गया है। इसका अर्थ माफ करना नहीं होता, बल्कि नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स करार देना होता है।
अरुण जेटली ने कहा कि किसी भी ऋण को राइट ऑफ करने का अर्थ बैंक द्वारा किसी संपत्ति को आय का स्रोत न मानने से होता है।
इससे पहले मीडिया में यह खबरें चल रही थीं कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 7,016 करोड़ रुपए के कर्ज को राइट ऑफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऋण की वसूली के प्रयास जारी रहेंगे।