नई दिल्ली। आखिरकार शराब कारोबारी विजय माल्या गच्चा देकर देश से निकल भागा। इस बीच नया खुलासा यह हुआ है कि सीबीआई के उसके खिलाफ निगरानी नोटिस (लुकआउट नोटिस) जारी किया हुआ था। इसके बावजूद मान्या को देश छोडकर जाने से नहीं रोका गया।
सूत्रों की माने तो विजय माल्या जब भारत छोड़कर जा रहे थे तब भी सीबीआई ने इमीग्रेशन विभाग से उन्हें रोकने के लिए नहीं कहा था। बताया जा रहा है कि सीबीआई ने इमीग्रेशन विभाग को सिर्फ माल्या के बारे में जानकारी देने को कहा था। इसी के तहत 2 मार्च को इमीग्रेशन विभाग ने सीबीआई को माल्या के देश छोड़कर जाने की जानकारी दी थी।
इमिग्रेशन विभाग के सूत्रों के हवाले से यह बताया गया कि माल्या के विदेश जाने से पहले सीबीआई को सूचना दी गई थी, लेकिन एजेंसी ने उन्हें रोकने के लिए नहीं कहा। और सीबीआई के लुक आउट के नोटिस के बावजूद माल्या देश छोड़कर निकल गए।
उधर, सीबीआई बराबर कह रही है कि उसने माल्या द्वारा देश से बाहर निकलने के लिए उठाए जाने वाले ऐसे किसी भी कदम को रोकने के लिए सभी निकासी बिंदुओं पर निगरानी का नोटिस जारी करने सहित कानूनी सम्मत सभी कदम उठाए थे। इसके बावजूद माल्या भाग निकले।
संसद के अंदर और बाहर घिरी मोदी सरकार
बैंकों से करोड़ों रुपए कर्ज लेकर विजय माल्या के विदेश भागने के मामले पर संसद के अंदर और बाहर कांग्रेस ने सरकार को घेरा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 9000 करोड़ रुपए उठाकर माल्या भाग गए। अरुण जेटली से हमने पूछा कि माल्या जी देश से कैसे निकल गए? उन्होंने कहा कि उनके सवाल पर अरुण जेटली ने इतना बड़ा भाषण दिया लेकिन जवाब नहीं दिया।
राहुल गांधी ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल ये है कि एक व्यक्ति जो 9000 करोड़ रुपए कर्ज लिए हैं वह देश से बाहर कैसे भाग गया? न ही मोदीजी और न ही अरुणजी ने संसद में इस पर कोई जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने काला धन वापस लाने का वादा किया था, फिर उन्होंने ऐसा कैसे होने दिया। उन्होंने कहा कि इस सरकार के फेयर एंड लवली स्कीम का फायदा विजय माल्या को हुआ है। उन्होंने कहा कि पीएम ने दोनों सदनों में भाषण दिया लेकिन फेयर एंड लवली स्कीम पर एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
माल्या को रोकने का नहीं था आदेश
इस मामले में राहुल गांधी के सवाल पर वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि विजय माल्या को रोकने का आदेश नहीं था। इससे पहले जेटली ने राज्यसभा में कहा कि माल्या को यह राशि साल 2004 से 2010 के दौरान मंजूर की गई जब केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार थी।
माल्या द्वारा बैंकों से लिए गए कर्ज की राशि ब्याज सहित 13 नवंबर 2015 तक 9091.40 करोड़ रुपए हो गई थी। यह राशि उनसे वसूलने के लिए हर कदम उठाए जा रहे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी जी ये जान लें कि माल्या के बाहर जाने और क्वात्रोच्चि के बाहर जाने में अंतर है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए जब्ती आदेश समेत सभी संभव कदम उठाए जा रहे है। जिन बैंकों से कर्ज लिया गया वे अदालत में गए हैं। ममला अदालत में है। बैंक राशि वसूलेंगे। केस फाइल किया गया है।
माल्या पर देश की 17 बैंकों का करोडों बकाया
मालूम हो कि देश के 17 बैंकों का करोड़ों रुपए उधार लेकर नहीं लौटा रहे विजय माल्या के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत के अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बुधवार को बताया कि सीबीआई से मिल रही जानकारी के मुताबिक वह देश छोड़कर जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में माल्या से दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है।