मुंबई/नई दिल्ली। इस समय ब्रिटेन में मौजूद शराब कारोबारी विजय माल्या ने गुरुवार को साफ कर दिया कि वह आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रुपए के ऋण मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं होंगे। उन्होंने ईडी के सामने पेश होने के लिए अप्रेल तक का समय मांगा।
ईडी ने माल्या को धन शोधन रोकथाम अधिनियम पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 18 मार्च को मुंबई में उसके सामने निजी तौर पर पेश होने के लिए समन जारी किया था।
संबंधित घटनाक्रम में सरकार ने साफ किया कि बैंक माल्या के समूह की कंपनियों को दिए गए 9000 करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज की पाई पाई वसूले जाएंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनका मामला बहुत स्पष्ट है। प्रत्येक सरकारी एजेंसी, चाहे कर विभाग हो या जांच एजेंसी हो, जहां भी उन्होंने कानून तोड़ा है, उन पर कठोर कार्रवाई होगी। जहां तक बैंकों की बात है तो वे उनसे जो पाई पाई वसूल सकते हैं, वसूलेंगे।
ईडी ने कहा कि एजेंसी के अफसर विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और माल्या के पत्र में बताए गए कारणों और उनके जवाब का अध्ययन कर रहे हैं और इस बारे में जल्द अंतिम निर्णय करेंगे कि उनके अनुरोध को माना जाए या नहीं।
माल्या दो मार्च को ब्रिटेन रवाना हो गए थे। कुछ दिन बाद ही उच्चतम न्यायालय ने उनके समूह की कंपनियों से करीब 9000 करोड़ रुपए के कर्ज की वसूली के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ बैंकों की याचिका पर सुनवाई की थी।
मुंबई में किंगफिशर हाउस की नीलामी गुरुवार को नहीं हो सकी। माना जा रहा है कि कानून संबंधी आशंकाओं और 150 करोड़ रुपए की अत्यधिक राशि होने की वजह से कोई बोली नहीं लगी।
मुंबई में घरेलू हवाईअड्डे के पास विले पार्ले इलाके में 17000 वर्ग फुट की जगह पर बने इस भवन की नीलामी सुबह 1130 बजे शुरू हुई और बिना किसी सफलता के करीब एक घंटे में समाप्त हो गई।
ईडी ने पिछले साल दर्ज सीबीआई प्राथमिकी के आधार पर माल्या और अन्य लोगों के खिलाफ धन शोधन का मामला हाल ही में दर्ज किया था।
एजेंसी अब निष्क्रिय पड़ी किंगफिशर एयरलाइन्स के वित्तीय ढांचे की भी जांच कर रही है और लोन हासिल करने के लिए किसी तरह की रिश्वत का भुगतान होने या नहीं होने का भी पता लगाएगी।