नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि विजय माल्या का मामला ब्रिटेन में न्यायाधीन है और उसे भारत लाने के लिए भारतीय एजेंसियां हर संभव प्रयास कर रही हैं।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मामला (माल्या) अब ब्रिटेन में न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बन गया है और अदालत उनके खिलाफ मामले पर विचार करेगी।”
उन्होंने कहा कि सरकार तथा उसकी तमाम एजेंसियां हर संभव प्रयास कर रही हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि एक अपराध को अंजाम दिया गया है, जिसके लिए शख्स की भारत में जरूरत है।
भारत में बैंकों के 8,000 करोड़ रुपए के ऋण की अदायगी न करने के मामले में वांछित शराब कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को लंदन में गिरफ्तार किया गया और कुछ ही घंटे में उन्हें जमानत मिल गई।
अदालत ने माल्या को जमानत देने से पहले उनके खिलाफ सख्त आदेश जारी किए हैं, जिनके मुताबिक न तो वह यात्रा दस्तावेजों के लिए आवेदन करेंगे और न ही ब्रिटेन छोड़ने का प्रयास करेंगे।’
अदालत ने उन्हें हर्टफोर्डशायर में ही रहने तथा अपने मोबाइल फोन को 24 घंटे अपने साथ रखने का निर्देश दिया है। अदालत के अगले आदेश तक माल्या का पासपोर्ट जब्त रहेगा।
बीते आठ फरवरी को भारत सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटिश अधिकारियों को एक औपचारिक अनुरोध सौंपते हुए कहा था कि उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितता तथा ऋण का भुगतान न करने का वैध मामला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को बीते साल नवंबर महीने में भारत दौरे पर आईं ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के समक्ष उठाया था।
वहीं, जेटली ने फरवरी में लंदन दौरे के दौरान मुद्दे को ब्रिटेन के चांसलर ऑफ द एक्सचेकर फिलिप हेमंड तथा थेरेसा मे के समक्ष उठाया था। इस महीने की शुरुआत में हेमंड के नई दिल्ली दौरे के दौरान एक बार फिर इस मुद्दे को जेटली ने उनके समक्ष उठाया था।