नई दिल्ली। किंगफिशर के मालिक और 9 हजार करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्टर विजय माल्या ने दिल्ली की एक अदालत से कहा है कि उनका पासपोर्ट रद्द होने की वजह से वह अदालत के सामने पेश नहीं हो सकते।
माल्या ने कहा कि वह भारत लौटने के इच्छुक हैं। उन्होंने साल 2000 के फेरा (विदेशी मुद्रा नियमन कानून) उल्लंघन मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की है।
माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स के लगभग एक अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज को नहीं चुकाने के आरोप में विजय माल्या को ‘जानबूझकर डिफॉल्ट करने वाला’ घोषित किया जा चुका है।
इस साल मार्च महीने में वह लंदन चले गए थे, और वापस आने से यह कहकर इंकार कर दिया था कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि उनके मामले में निष्पक्ष सुनवाई होगी। उन्हे ब्रिटेन से प्रत्यर्पित भी नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके पास वर्ष 1992 से ही वहां रहने का अधिकार है।
दिल्ली की जिस अदालत में विजय माल्या ने शुक्रवार को पेश नहीं होने के कारण के रूप में पासपोर्ट नहीं होने का तर्क दिया, वह उनके खिलाफ वर्ष 2000 में विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन करने के मामले की सुनवाई कर रही है।
वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि उन्होंने फॉर्मूला वन रेस में अपनी कंपनी किंगफिशर का प्रचार करने की खातिर विदेशी कंपनियों को किए भुगतान के लिए ज़रूरी स्वीकृतियां नहीं ली थीं।
ईडी ने हाल ही में माल्या की 6,630 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। इससे पहले माल्या का फॉर्म हाउस, उनके फ्लैट और एफडी खाते सीज करने का आदेश दिया गया था।