मुंबई। शराब किंग विजय माल्या ने अपनी कंपनी का नाम किंगफिशर क्यों रखा, इस पर टिप्पणी करते हुए मुंबई हाईकोर्ट के न्यायधीश ने कहा कि किंगफिशर यानी उडने वाला पक्षी। जैसे पक्षियों के लिए सीमाओं का कोई बंधन नहीं होता है, वैसे ही विजय माल्या सीमाओं के सभी बंधनों को तोडकर उड गया है।
गौरतलब है कि सेवाकर विभाग द्वारा विजय माल्या के विरोध में एक याचिका बांबे हाईकोर्ट में दायर किया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और बीपी कोलाबावाला ने टिप्पणी करते हुए कहा कि विजय माल्या को सीमाएं नहीं बांध पाई और वह पक्षियों के समान सीमाओं का बंधन तोडकर उड गया।
सेवाकर विभाग के अनुसार बिके हुए टिकटों, जिसमें अप्रेल 2011 से सितंबर 2012 तक के बीच का 32.68 करोड सेवाकर बाकी है, इसके अलावा कुल 532 करोड सेवाकर बाकी है।
सेवाकर विभाग ने विजय माल्या की प्राइवेट कंपनियों की नीलामी का अधिकार हाईकोर्ट से मांगा है। मामले की अगली सुनवाई अब 26 सितंबर को होगी।