नई दिल्ली। बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागने वाले किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने रविवार को ट्वीट किया कि विजय माल्या से मिले जवाबों को देखते हुए और प्रवर्तन निदेशालय और हाल ही में उनके ख़िलाफ़ जारी ग़ैर ज़मानती वारंट्स को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने उनका पासपोर्ट रद्द करने का फ़ैसला किया है।
उन्होंने कहा कि भारत के विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट एक्ट, 1967 की धाराओं 10(3)(c) और 10(3)(h) के तहत ये कार्रवाई की है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि माल्या के प्रत्यपर्ण के लिए क़ानून के विशेषज्ञों से राय ली जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक़ माल्या चीफ़ पासपोर्ट ऑफ़िसर, फिर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में इसके ख़िलाफ़ अपील कर सकते हैं लेकिन उनके पक्ष में फ़ैसला आने तक वह इस पासपोर्ट पर कहीं भी यात्रा नहीं कर सकेंगे। लंदन में भी उनका ठहरना क़ानूनन अवैध हो गया है।
ईडी ने उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन हर बार उन्होंने पेशी के लिए और समय मांगा। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उनका पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी।
प्रवर्तन निदेशालय की सलाह पर विदेश मंत्रालय ने 15 अप्रैल को माल्या का पासपोर्ट निलंबित कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने माल्या को नोटिस जारी कर पूछा था कि पासपोर्ट एक्ट के सेक्शन 10(3)(सी) के तहत उनका पासपोर्ट क्यों रद्द न किया जाए?
नोटिस पर जवाब देने के लिए 22 अप्रेल की डेडलाइन तय की गई थी। माल्या के जवाब के आधार पर विदेश मंत्रालय ने उनका पासपोर्ट रद्द करने का फैसला किया। पिछले दिनों पीएमएलए एक्ट 2002 के तहत माल्या के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट भी जारी किया गया था।
सरकार के करीबी सूत्रों ने बताया कि विजय माल्या के खिलाफ औपचारिक गिरफ्तारी वॉरंट जारी कर दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय अगले हफ्ते इंटरपोल से संपर्क करेगा।