नागपुर। विजय दशमी के मौके पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि रोहिंग्या अपने ही देश के लिए खतरा हैं तो हमारे देश में खतरे की चिंता क्यों नहीं चाहिए। संघ प्रमुख ने सवाल किया कि रोहिंग्या यहां क्यों हैं? उन्हें अपना देश क्यों छोड़ना पड़ा। म्यांमार ने रोहिंग्या पर कड़ा कदम उठाया है।
अगर उन्हें कहीं भी शरण दी जाती है, चाहे वह मानवता के आधार पर हो या सुरक्षा के आधार पर यह अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर रोहिंग्या को इस देश में रहने की अनुमति दी जाती है, तो वे हमारे देश के लिए खतरा बन जाएंगे।
नागपुर मुख्यालय में शस्त्र पूजन के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने केंद्र की मोदी सरकार की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि आतंकियों को खत्म करने की रणनीतिक का सकारात्मक असर जमीन पर दिखने लगा है, जिस दृढ़ता के साथ आतंकियों और सीमा पार फायरिंग से सरकार निपट रही है वह काबिले तारीफ है।
भागवत ने कहा कि हाल के महीनों में जिस तरह कश्मीर में अलगाववादियों को हैंडल किया गया है, उसका सकारात्मक असर दिख रहा है। अलगाववादियों के अवैध आर्थिक स्रोतों को खत्म कर सरकार ने उनके झूठे प्रोपगेंडा और भड़काऊ कार्रवाई को नियंत्रित किया है।
भागवत ने कहा कि जम्मू कश्मीर के शरणार्थियों की समस्या का अब तक समाधान नहीं हो पाया है। उनके पास बेसिक सुविधाएं नहीं है और उन्हें अब भी संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान में आवश्यक सुधार होने चाहिए और जम्मू कश्मीर से जुड़े पुराने प्रतिबंधों को बदला जाए।
मुंबई में मची भगदड़ पर जताया दुख
संघ प्रमुख भागवत ने मुंबई भगदड़ में मारे गए लोगों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जो हुआ, उससे बहुत दुख है। पीड़ित परिवारों के साथ मेरी संवेदना है, ऐसी घटनाओं को भूलकर हमें आगे बढ़ना होता है।
PM मोदी का गुणगान, योजनाओं की तारीफ
संघ प्रमुख ने केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए जन धन, मुद्रा, कृषि बीमा योजनाओं को गिनवाया और कहा कि इससे देश के लोगों का भला होगा। उन्होंने कहा कि हमें हर एक को ध्यान में रखते हुए अपनी आर्थिक नीतियां बनानी होंगी। हाल के दिनों में कई कदम उठाए गए हैं। अब समय आ गया है कि इनकी समीक्षा की जाए और विश्लेषण पर गंभीरता से विचार किया जाए, वैश्विक अर्थव्यवस्था हमारी ओर सम्मान से देख रही है।
भागवत ने कहा कि जीडीपी एक अधूरा विश्लेषण है। हर देश के पास विकास का अपना मानक है। हमें अपनी नीतियां बनानी होंगी। लघु और मध्यम उद्योग, कृषि और रिटले कारोबार ने भारत को ग्लोबल मंदी के समय भी बचाए रखा।
गौरक्षा को हिंसा से जोड़ना ठीक नहीं
गौरक्षा के मुद्दे पर भागवत ने कहा कि इसे हिंसा से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। मुस्लिम भी गौ रक्षक हैं और उन पर भी हमले हुए हैं। गौ रक्षा के नाम पर हिंसा नहीं होनी चाहिए। रक्षा और सतर्कता शब्द का कुछ लोगों ने दुरुपयोग किया है।
उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हैं कि बहुत सारे लोग गौ तस्करों द्वारा मारे जा रहे हैं। हमें धर्म से परे हटकर गौ रक्षा के मुद्दे को देखना चाहिए। बहुत सारे मुस्लिमों ने गौ रक्षा के लिए अपनी जान दी है। गाय की रक्षा बजरंग दल के लोगों की तरह होनी चाहिए। छोटे किसानों की खुशहाली के लिए गाय बहुत जरूरी है। संविधान में भी गाय की रक्षा और गाय आधारित कृषि का उल्लेख है।
मोहन भागवत ने कहा कि केरल और बंगाल में वहां क्या हो रहा है सबको पता है। जिहादी ताकतें वहां सक्रिय हैं, लोग विरोध कर रहे हैं और राज्य सरकारें अपना दायित्व नहीं निभा रही हैं।
कश्मीरियों को महसूस हो दिल्ली की मानवीयता
भागवत ने कहा कि कश्मीर विस्थापितों और कश्मीरियों को भारत के साथ एकीकृत करने के लिए सरकार को और ज्यादा प्रयास करने चाहिए। कश्मीरियों को मानवीयता महसूस होनी चाहिए स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाएं अभी कश्मीर नहीं पहुंच पा रही हैं। दो-तीन महीने पहले तक चीजें अनिश्चित थीं, लेकिन जिस तरह अलगाववादियों को हैंडल किया गया है, पुलिस और आर्मी को खुली छूट मिली है।
उन्होंने कहा कि अलगाववादियों के आर्थिक स्रोत खत्म कर दिए गए हैं और पाकिस्तान के साथ उनका रिश्ता उजागर हो गया है. जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। कश्मीर पर दृढ़ता का स्वागत है, लेकिन लद्दाख, जम्मू सहित सम्पूर्ण राज्य में भेदभावरहित, पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन की आवश्यकता है।
डोकलाम मुद्दा : भारत के सशक्त होने का उदाहरण
चीन के साथ सीमा विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि डोकलाम मुद्दे पर सरकार ने गजब की सख्ती दिखाई जिसके चलते आखिरकार मामला शांत हुआ। इससे भारत की ताकत दिखती है। इससे उजागर हुआ कि भारत सशक्त राष्ट्र है।
हजारों साल की गुलामी का हमारी सोच पर असर
भागवत ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिकों अपने ज्ञानबल से हमारे देश की धाक जमाने में सफल हो रहे है। हम अपना इतिहास और संस्कृति भूल गए हैं। दूसरे देशों के लोग जब हमें इस बारे में बताते हैं तो हम मानते हैं कि हां, हमारा देश महान है। उन्होंने कहा कि हजारों साल की गुलामी ने हमारे मस्तिष्क पर गलत असर डाला है। हम अपना स्वर्णिम इतिहास गंवा बैठे और इतिहास भूल गए।
भ्रष्टाचार रोकने और सृजन करने वाली नीतियों की जरूरत
संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कई सारी योजनाएं बनाई हैं, फिर भी हमें इस पर एकीकृत नीतियों की जरूरत है। राज्यों की सृजन शक्ति दिखनी चाहिए। हमें और ज्यादा संगठित, मुखर और सक्रिय होने की आवश्यकता है। दुनिया भर में भारत के प्रति सम्मान बढ़ा है और अब हम खुद को अपनी संस्कृति के साथ पेश करने में ज्यादा सम्मान और विश्वास महसूस करते हैं।
युवाओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप करियर बनाना चाहते हैं, तो आर्मी, नौसेना और पैरा मिलिट्री फोर्स में बनाए। हमें अपने परिवार से जवानों को सेना में भेजना होगा, ताकि दुश्मनों से देश की रक्षा हो सके।