शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का इस बार फिर से नई विधानसभा से चुनाव लड़ने की संभावना है। 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में वीरभद्र सिंह ने शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ा था। जबकि वे 1990 से लगातार रोहडू विधानसभा से चुनाव लड़ते आए हैं।
डिलिमिटेशन के कारण उनका रोहडू विधानसभा क्षेत्र आरक्षित हो गया था। इसलिए वे शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़े थे। जबकि इस बार वीरभद्र सिंह के बेटे व प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ने अपने पिता की सीट से टिकट के लिए आवेदन किया है।
वहीं वीरभद्र सिंह भी कई बार यह कह चुके हैं कि विक्रमादित्य इस सीट के लिए उचित उम्मीदवार होंगे। ऐसे में अब वीरभद्र सिंह 2007 से लगातार तीसरी बार नई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं और इस बार भी लड़ना पड़ सकता है। इससे पहले वीरभद्र सिंह शिमला जिला की जुब्बल-कोटखाई से भी चुनाव लड़ चुके हैं।
मुख्यमंत्री अब शिमला जिला की ठियोग विधानसभा से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि कैबिनेट मंत्री विद्या स्टोक्स ने अभी तक टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है और हो सकता है कि इस बार मुख्यमंत्री ठियोग से अपनी किस्मत आजमाएं।
वर्तमान में 88 वर्षीय कैबिनेट मंत्री विद्या स्टोक्स ठियोग से विधायक हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री के कुछ बयान भी इस बयान की पुष्टि करते नजर आते हैं, जिनमें वे कहते हैं कि मैं कहीं से भी चुनाव लड़ सकता हूं। लेकिन, यदि सच में मुख्यमंत्री ठियोग से चुनाव लड़ते हैं तो मुख्यमंत्री को ठियोग से शिमला के बाकी क्षेत्र भी साधना आसान हो जाएंगे।
ठियोग शिमला का मध्यक्षेत्र हैं और एक तरफ जहां जुब्बल, रोहडू, रामपुर और चौपाल पड़ता है तो दूसरी पार शिमला ग्रामीण, शिमला और कसुम्पटी पड़ते हैं जो कि मुख्यमंत्री के निशाने पर रहेंगे।