इस्लामाबाद। कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की मां को वीजा की मंजूरी देना भारत तथा पाकिस्तान को यह दर्शाने का मौका देगा कि मानवता ‘अभी भी जिंदा है और द्विपक्षीय रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाने का काम करेगा।
पाकिस्तान के एक समाचार पत्र ने शनिवार को यह बात कही है। डॉन ने ‘वीजा फॉर जाधव मदर’ शीर्षक वाले संपादकीय में कहा कि जाधव की मां को अपने बेटे से मिलने के लिए वीजा देना दोनों देशों को टकराव के रुख से पीछे हटने का नया मौका प्रदान करता है।
समाचार पत्र ने कहा कि जाधव की दोषसिद्धि तथा कैद कानूनी तौर पर उनकी मां को उनसे मिलने की मंजूरी नहीं देता, लेकिन मानवीय आधार पर इसपर विचार किया जाना चाहिए।
संपादकीय में कहा गया है कि जाधव के कानूनी विकल्पों के समाप्त होने से कुछ वक्त बचा है और एक मां तथा बेटे की मुलाकात मानवीय होगी तथा किसी भी तरह से उनके खिलाफ पाकिस्तान का मामला कमजोर नहीं होता।
समाचार पत्र के मुताबिक मां तथा बेटे की मुलाकात राजनयिक संपर्क प्रदान करने से बहुत अलग है। लेकिन उसने कहा कि मुलाकात से भारत तथा पाकिस्तान के बीच बढ़ रही खाई कम नहीं होगी।
डॉन ने कहा, लेकिन यह छोटा सा संकेत भारत तथा पाकिस्तान के रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने का काम करेगा है और आगे के संवेदनशील उपायों के द्वार खोलेगा।
पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि वह जाधव की मां के वीजा देने के भारत अनुरोध पर विचार कर रहा है, लेकिन नई दिल्ली ने कहा कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को शिकायत की कि पाकिस्तान ने जाधव की मां को अभी तक वीजा नहीं दिया है, जबकि उन्होंने खुद पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज को अवंतिका जाधव को वीजा देने के संदर्भ में पत्र लिखा है।