नई दिल्ली। पूर्व गृह सचिव आरके सिंह ने शनिवार को उईगर नेता को वीज़ा दिए जाने के फैसले को सही बताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में मसूद अज़हर को आतंकवादी घोषित किए जाने का विरोध करने वाले चीन को इस पर आपत्ति जताने का कोई अधिकार नहीं है।
सिंह ने कहा कि 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में एक मात्र चीन ने जैश-ए-मोहम्मद नेता मसूद अज़हर पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ वोट किया था वो भी बिना कोई कारण दिये। चीन का यह रुख सही नहीं था। ऐसे में चीन का यह कहना कि भारत उनकी चिंताओं के प्रति संवेदनशील नहीं है, सही नहीं है।
उल्लेखनीय है कि भारत ने विश्व उईगर कांग्रेस के नेता डॉल्कन ईसा को 28 अप्रेल को धर्मशाला में होने वाली कांफ्रेस के लिए वीजा जारी किया है। चीन के लिए डॉल्कन एक आतंकी है जो मुस्लिम बहुल प्रांत शिनजियांग में चरमपंथ को समर्थन दे रहा है।
भारत के विश्व उईगर कांग्रेस के नेता को वीजा दिए जाने से चीन नाराज़ है। उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयींग के मुताबिक, यह दुनिया के सभी देशों का दायित्व है कि वो इन्हें न्याय के लिए पेश करें। चीन का यह भी कहना है कि डॉल्कन इंटरपोल के रेड कॉर्नर में एक ‘आतंकी’ है।
जर्मनी में रह रहे डॉल्कन हिमाचल के धर्मशाला में भारतीय और चीनी लोकतंत्र पर होने वाली कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे और तिब्बती नेता दलाई लामा से मिलेंगे।