Vivekananda Jayanti : ABVP conduct cleanliness and drug free campaigns
भोपाल। केन्द्र में सत्ता परिर्वतन का असर छात्र संगठनों पर किस तरह पड़ता है, इसका ताजा उदाहरण अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की इस साल की बनी वार्षिक योजना में सीधे तौर पर देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में विद्यार्थिौयों के बीच नशा मुक्ति की बात क्या कही, अच्छी बात यह है कि एक छात्र संगठन के रूप में एबीवीपी ने तुरंत इसे अपनी नियमित गतिविधि में शामिल कर लिया है। अब अभाविप पूरे देश में नशा मुक्ति को लेकर विद्यालयीन और महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं के के अलावा आम जन के बीच नशा मुक्ति अभियान चलाएगी। पहले सप्ताहभर देशभर में सघनता के साथ चलने वाला यह अभियान क्रांतिकारी सुभाष बाबू के जन्म दिन तक व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा, उसके बाद यह निरंतर वर्षभर एक प्रमुख गतिविधि के नाते आगे जारी रहेगा।
एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीहरि बोरिकर ने इसे लेकर हिस को बताया कि विद्यार्थी परिषद् ने देशभर में स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर नशा मुक्त पर्यावरणयुक्त स्वच्छ भारत अभियान आरंभ किया है जो कि 23 जनवरी सुभाषचंद्र बोस की जयंती तक देशभर में व्यापक स्तर पर चलेगा। बोरिकर कहना है कि देशभर के महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में रैलियां, परिचर्चा, गोष्ठियां एवं संकल्प कार्यक्रम जैसे माध्यमों से इस बीच अभाविप की ओर से जागरण अभियान चलाया जाएगा। इसमें विद्यार्थी और युवाओं के साथ देश के नागरिकों को सम्मलित कर उनसे आह्वान किया जाएगा कि वे भारत को नशामुक्त, पर्यावरणयुक्त स्वच्छ भारत बनाने के लिए संकल्पित हों।
वहीं इस अभियान को प्रधानमंत्री की मन की बात से जोड़े जाकर पूछने पर अभाविप के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री के.एन. रघुनंदन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तो इसे दिसम्बर माह में अपनी प्राथमिकताओं में होने का जिक्र किया है जबकि परिषद की गत वर्ष मई महिने की बैठक में इसे लेकर प्रस्ताव आ गया था, उसके बाद जब अमृतसर में एबीवीपी का 60वां राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ तो इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास करते हुए जन-जन तक इस मुद्र्दे को ले जाने की सहमति बनी। उन्होंने बताया कि परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनिल आम्बेकर इस विषय को लेकर गृहमंत्री से भी मिले हैं और नशा मुक्त भारत का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया, उसे देश के सभी उच्च शिक्षा से जुड़े मंत्रियों व शिक्षाविदों तक पहुंचाया गया । उन्होंने कहा हमें खुशी है कि परिषद के प्रयासों से प्रधानमंत्री ने भी बाद में अपनी बात में इसे मुख्य अजण्डे के रूप में लिया है।
आगे इस संबंध में केंद्रीय कार्यालय मंत्री राहुल शर्मा का कहना है कि समुचे देश में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की संरचना के तहत 31 प्रांत हैं तथा इन सभी में 3 हजार 768 सक्रिय इकाईयां हैं। वहीं इन एक-एक इकाईयों में कई अन्य लघु इकाईयां काम करती हैं। इस बार इन सभी स्थानों पर अभाविप अपने नशामुक्ति संबंधी जनजागरण कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
अभाविप की केंद्र सरकार से ड्रग्स व्यापार को रोकने की मांग
उल्लेखनीय है कि अमृतसर में सम्पन्न हुए एबीवीपी के 60वें राष्ट्रीय अधिवेशन में संगठन के प्रतिनिधियों ने भारत में कोकीन, हीरोईन, स्मैक और अफीम के अवैध व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र के मुद्दे पर चर्चा की थी। जिसमें निर्णय लिया गया कि, परिषद् आंदोलनों के माध्यम से मांग करेगी कि ड्रग्स तस्करी का व्यापार करने वाले माफियाओं के पकड़े जाने पर जिन-जिन जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के नाम सामने आते हैं, उन्हें कड़ी सजा दिए जाने की मांग सरकार से करती है, वहीं नशीले पदार्थों के व्यापार को रोकने के लिए देश में कठोर कानून बनाए जाने की अपनी मांग को दोहराती है।
ज्ञातव्य हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी दिसंबर माह में अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने खेल, फिल्म और आध्यात्मिक जगत से जुड़ी हस्तियों से अनुरोध किया कि वह इसके प्रति जागरुकता फैलाएं साथ ही उन्होंने ड्रग फ्री इंडिया नाम से सोशल मीडिया पर मुहिम चलाने को भी कहा जो लोक शिक्षा का एक माध्यम बनकर उभरेगी। मोदी ने नशा मुक्ति पर एक हेल्पलाइन लाए जाने की बात भी कही थी।