नई दिल्ली। सऊदी अरब में फंसे बेरोजगार भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के उद्देश्य से विदेश राज्य मंत्री वी.के सिंह बुधवार को जेद्दाह पहुंचे।
वी.के सिंह ने ट्ववीट कर कहा उन्होंने रियाद में फंसे बेरोजगार भारतीयों की समस्या को लेकर वहां सामाजिक विकास मंत्री से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि वह सऊदी अरब की सरकार के अधिकारियों के साथ संपर्क में है। स्थिति उतनी बुरी नहीं है जैसी लग रही थी। उन्होंने कहा कि जो भी भारतीय स्वदेश वापस लौटना चाहते हैं वह सऊदी अरब की सरकार के खर्चे पर लौट सकते हैं।
लोगों को दूसरी कंपनियों में भी स्थानंतरित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समस्या केवल एक कंपनी के साथ है। सऊदी अरब की सरकार ने सुनिश्चित किया है कि उस कंपनी के साथ काम कर रहे लोगों का ध्यान रखा जाए।
राज्य मंत्री वी.के सिंह मंगलवार रात जेद्दाह के लिए रवाना हुए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मंगलवार को ट्वीट किया कि विदेश राज्य मंत्री वी.के सिंह इस दौरान वह जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करेंगे इसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
सऊदी अरब में सिंह स्वदेश वापसी के इच्छुक भारतीयों के लिए औपचारिकताओं को भी अंतिम रूप देंगे। सुषमा ने राज्य सभा में बयान दिया कि सऊदी अरब में फंसे भारतीय कामगारों के मुद्दे को सरकार ने तत्काल गंभीरता से लिया।
उन्होंने कहा का भारत सरकार ने सऊदी अरब के श्रम और विदेश विभाग से इन भारतीयों को आपात वीजा जारी कर स्वदेश भेजे जाने की अपील की थी लेकिन वहां के कानून के अनुसार इसके लिए इन भारतीयों को नियोक्ता कंपनियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना पड़ेगा लेकिन कंपनियां तो पहले ही देश छोड़कर जा चुकी हैं और इन भारतीयों का काफी वेतन भी बकाया है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एक कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर करने की बात कही गई है जिसके अनुसार सऊदी अरब सरकार जब भी इन कंपनियों के साथ मामले को निपटाए तो भारतीयों का बकाया वेतन पहले दिया जाए।
सऊदी अरब की सरकार ने कहा कि वे जांच कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो जिन भी कंपनियों ने वेतन नहीं दिया है, तो उनपर उन्हें जुर्माना लगाया जाएगा।