मॉस्को। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी के रूस दौरे की सफलता को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सबसे ज्यादा आस है।
उन्हें लगता है कि अमरीका के विदेश मंत्री के इस प्रवास से अमेरिका और रूस दोनों देशों के बीच की दूरियां कम होंगी। साथ ही यूक्रेन एवं सीरिया संकट को लेकर दोनों देशों के रुख को समझने के मामले में जो वैश्विक नजरिए का असमंजस बना हुआ है, वह स्थिति भी अब समाप्त हो जाएगी।
पुतिन ने केरी के साथ बैठक के दौरान कहा कि सीरियाई मुद्दे पर संघर्षविराम और अन्य सकारात्मक परिणाम अमरीकी नेतृत्व के सटीक रुख की वजह से संभव हो पाए हैं।
इस संबंध में मीडिया के बीच पुतिन ने जोर देते हुए कहा है कि ‘हम इस मुद्दे पर सामान्य रुख बनाने में कामयाब रहे हैं और द्विपक्षीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रयासबद्ध हैं।
उधर, अमरीकी विदेशी मंत्री केरी ने इस वार्ता के बाद उम्मीद जताई कि आगे दोनों देशों के संबंधों का पुनर्निर्माण होगा और उसे मजबूती मिलेगी। हम मिलकर गंभीर से गंभीर समस्याओं को सुलझाने में कामयाब होंगे। वहीं केरी ने सीरिया सरकार और विपक्षी बलों के बीच मौजूदा संघर्षविराम की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि रूस सीरिया में तैनात अपने सैन्यबलों के मुख्य भाग को वापस बुला रहा है। यह प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू हो गई है। बतादें कि यह संघर्षविराम सैन्य और राजनीतिक रूप से अमरीका और रूस के सहयोग की वजह से ही संभव हो पाया है।
उल्लेखनीय है कि बेल्जियम की राजधानी और युरोप के केन्द्र में हुए आतंकी हमले के बाद आईएस के खिलाफ जंग को तेज़ करने अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी रूस के लिए रवाना हो गए थे। जॉन केरी अमरीकी राष्ट्रपति के साथ क्यूबा यात्रा पर थे।
ब्रुसेल्स में हुए हमले के बाद उन्होंने बेल्जियम के विदेशमंत्री से बातचीत कर हमले पर दुख जताया और किसी भी प्रकार की सहायता का वादा किया। इसके बाद जॉन केरी देर शाम स्वदेश लौट आए।
स्वदेश लौटने के बाद अधिकारियों के साथ चर्चा कर विदेशमंत्री ने माना की आईएस के खिलाफ जारी जंग को तेज करने की ज़रुरत है। इसके लिये रूस के साथ मिलकर काम करने की ज़रुरत है।
हाल ही में रूस के राष्ट्रपति ने सीरिया से अपनी सेना को वापिस बुलाने का निर्णय लिया था जिसके बाद लगा था कि विश्व की दो महाशक्तियां आतंक के खिलाफ एकजुट होकर काम करने को तैयार हैं। जॉन केरी 2016 में पहली बार रूस के दौरे पर मॉस्को पहुंचे हैं, जबकि पिछले 12 महीनों में वे तीसरे बार रूस आए हैं।