मास्को/अंकारा। रूस के फाइटर जेट को गिराए जाने के बाद अकड़कर कर बोल रहा तुक्र्री अब अचानक नरम पड़ गया और राष्ट्रपति रेसिप तैय्यप एरडोगल ने रूसी फाइटर प्लेन को गिराने जाने की घटना पर रविवार को दुख प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि काश ऐसा न होता। इस घटना के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया है। अपने सुलह संबंधी बयान में एरडोगन ने कहा कि मैं वाकई इस घटना से काफी दुखी हूं। काश ऐसा न होता लेकिन ऐसा हुआ। मैं चाहूंगा कि फिर ऐसा न हो।
इस बीच तुर्की के बयान के बावजूद रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने तुर्की के खिलाफ प्रतिबंधों का आदेश दे दिया। पुतिन के आदेश में कुछ वस्तुओं पर पाबंदी शामिल है। हालांकि वस्तुओं का ब्यौरा नहीं दिया गया है। शनिवार को ही पुतिन ने कहा था कि विमान को मार गिराने में अमरीका का हाथ है। उधर अमरीका लगातार तुर्की की वकालात कर रहा है और कह रहा है कि सभी देश को अपनी सीमा की रक्षा का अधिकार है।
अमरीका का रूस पर यह भी आरोप है कि कट्टरपंथियों को निशाना बनाए जाने की जगह रूसी सेना असद विरोधियों को निशाना बना रही है। रूस के विदेश मंत्री सरगई लावरोव ने कहा कि तुर्की ने इस सप्ताह रूस का लड़ाकू विमान मार गिराकर हद पार की है। उन्होंने चेतावनी दी कि घ्ज्ञटना अंकारा के हितों को गंभीर रूप से कमतर कर सकती है। लावरोव ने मास्को में सीरियाई समकक्ष वालिद से बातचीत की शुरुआत में कहा कि हमारा मानना है कि तुर्की नेतृत्व ने स्वीकार्य हद को पार किया है।
उन्होंने कहा कि अंकारा ने क्षेत्र में उसके लंबी अवधि के राष्ट्रीय हितों और स्थिति के संबंध में तुर्की को बहुत गंभीर स्थिति में डालने का जोखिम लिया है। इस घटना को राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने धोखा और पीठ में छुरा मारने वाला बताया था। अंकारा की दलील है कि उसे यह एहसास नहीं था कि तुर्की के हवाई क्षेत्र का उल्लघंन करने वाला विमान रूस का है। अंकारा ने दावा किया कि उसने पायलट को मार्ग बदलने के लिए कई बार चेतावनी जारी की थी।