मुंबई। दूरसंचार कंपनी वोडाफोन मार्च 2017 तक भुगतान बैंक शुरू करने की योजना बना रहा है। भारतीय रिजर्व बैंंक ने वोडाफोन को भुगतान बैंक शुरू करने की मंजूरी दे दी है।
वोडाफोन इंडिया के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील सूद ने इस बाबत कहा कि हम अंतिम चरण में हैं लेकिन अभी तक अंतिम लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त माह में आरबीआई ने 11 कंपनियों को भुगतान बैंक शुरू करने का लाइसेंस दिया था जिसके अंतर्गत एयरटेल ने अपना भुगतान बैंक शुरू कर दिया है। वहीं वोडाफोन ने मार्च 2017 तक भुगतान बैंक शुरू करने की योजना बनाई है।
इसके अलावा तीन अन्य कंपनियों ने मुनाफे की चिंता के चलते बैंक शुरू करने की योजना को बीच में ही छोड़ दिया। भुगतान बैंक की स्थापना वित्तीय समावेश के इरादे से की जा रही है और इसे सिर्फ जमा स्वीकार करने की अनुमति दी गई है।
इसीलिए यह बैंक उधार नहीं दे सकता है। इससे इन भुगतान बैंकों की आय अर्जित करने की क्षमता सीमित हो जाएगी और शुरुआत में मुनाफा शायद ही मिलेगा।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भुगतान बैंक के क्षेत्र में दूरसंचार कंपनियां बेहतर स्थिति में रहेगी क्योंकि इनकी पहुंच गांव के दूरदराज क्षेत्रों तक होती है। दूरसंचार कंपनियां, बिना बैंक के इलाके में खुद को तेजी से स्थापित कर सकती हैं।
वोडाफोन इंडिया के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील सूद का कहना है कि भुगतान बैंंक की स्थापना के बाद वह मोबाइल वॉलेट की पेशकश कर सकती है और उपभोक्ता आधार का बेहतर तरीके से इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
सूद ने कहा कि मोबाइल वॉलेट पेशकश से उन्हें भुगतान बैंक बनने में मदद मिलेगी। अभी वोडाफोन के मोबाइल वॉलेट के उपभोक्ताओं का आधार 85 लाख ग्राहक हैं। इससे उनकी भुगतान बैंक को काफी लाभ मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।