लंदन। वोडाफोन ने उन ऑनलाइन प्लेटफार्मो को विज्ञापन देना बंद करने का निर्णय लिया है, जो फर्जी खबरें या घृणा फैलाने वाली बातें प्रकाशित करते हैं। यह कदम कंपनी ने ऐसी वेबसाइटों पर अपने विज्ञापन प्रकाशित होने से रोकने के लिए उठाया है।
द टाइम्स में बुधवार को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार कंपनी ने इस संबंध में एक वैश्विक नियम बनाने की तैयारी की है।
वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विटोरियो कोलाओ ने कहा कि घृणा भाषण और फर्जी समाचार समुदायों के बीच सम्मान और भरोसा को नुकसान पहुंचाते हैं।
उन्होंने कहा कि हम इस तरह की अपमानजनक और हानिकारक सामग्री से अपने ब्रांड का जु़ड़ना बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वोडाफोन हर साल विज्ञापन पर 75 करोड़ पाउंड खर्च करती है। कंपनी का कहना है कि वे अपनी नई विज्ञापन नीति के तहत एक श्वेतसूची (व्हाइटलिस्ट) जारी करेगी, जिसमें किन-किन मीडिया घरानों को विज्ञापन दिया जाएगा, उसका उल्लेख होगा।
वोडाफोन के कारपोरेट मामलों के निदेशक मैट पीकॉक के अनुसार सूची अभिव्यक्ति के वैध साधन को नहीं छेड़ेगी, जिसे कुछ लोगों के लिए आक्रामक माना जा सकता है।
वोडाफोन ने यह कदम गूगल, यूट्यूब और फेसबुक जैसी कंपनियों की चरमपंथी या अपमानजनक सामग्रियों से निपटने में विफलता के कारण उनकी बढ़ती आलोचना के बीच उठाया है।