नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सचिवों ने मांग की है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जल्द से जल्द अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया जाए।
सूत्रों के मुताबिक कुछ सचिवों के का मानना है कि निहित स्वार्थ जुड़ा होने की वजह से कुछ लोग यह फैसला नहीं ले पा रहे हैं।
इससे पहले कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने भी गत सात नवम्बर को राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था लेकिन राहुल को अध्यक्ष बनाने के सही समय को लेकर मतभेद में इस मुद्दे को टाल दिया गया था।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल को अध्यक्ष पद पर बिठाने के सही समय को लेकर पार्टी में अभी भी मतभेद हैं। कुछ लोग वर्तमान में चल रहे शीतकालीन सत्र के बाद ही राहुल को अध्यक्ष बना देने के पक्ष में हैं।
दूसरी ओर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता यूपी और पंजाब चुनाव के बाद राहुल को अध्यक्ष बनाने की वकालत कर रहे हैं। इन नेताओं का स्पष्ट मानना है कि अगर राहुल को इस समय पूर्ण अध्यक्ष बनाया जाता है तो चुनाव में मिले संभावित नकारात्मक परिणाम से राहुल की छवि खराब होगी।
इससे राहुल को भविष्य में भाजपा रहित सभी पार्टियों के गठबंधन का नेता बनाने में परेशानी आएगी। दरअसल टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री पद की महत्त्वाकांक्षा किसी से छिपी नहीं है।
ऐसे में यह स्पष्ट है कि विपक्ष के सर्वमान्य नेता के रूप में राहुल की टक्कर नीतीश, ममता बनर्जी, मायावती या मुलायम सिंह जैसे दिग्गजों से होने वाली है।
ऐसे में कांग्रेस पार्टी यह जरूर चाहेगी कि राहुल की अध्यक्ष पद के रूप में ताजपोशी इस तरह से हो कि उनकी विरोधी दल के नेता के रूप में दावेदारी पर सवाल न उठे।