नई दिल्ली। जर्मनी की वाहन कंपनी फाक्सवैगन भारत में 3.23 लाख वाहनों को वापस मंगाएगी।
सरकार ने कंपनी के वाहनों की जांच का आदेश दिया था और जांच में पाया गया कि कंपनी ने डीजल वाहनों में उत्सर्जन परीक्षण को चकमा देने वाला उपकरण लगा रखा था। जांच में यह खुलासा होने के बाद कंपनी ने 3.23 लाख वाहनों को वापस मंगाया है।
इसके साथ ही फोक्सवैगन इंडिया के नाम पर एक अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा। भारत में किसी भी कार कंपनी ने अभी तक इतनी बड़ी तादाद में वाहन वापस नहीं मंगाए हैं। इससे पहले होंडा कार्स इंडिया ने इसी साल सितंबर में 2,23,578 कारें मंगाने की घोषणा की थी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि कंपनी स्वेच्छा से उन वाहनों को वापस मंगाएगी जिनमें ई189 इंजन लगे हैं और इन इंजनों में उत्सर्जन परीक्षण को चकमा देने वाले उपकरण फिट हैं।
वाहन परीक्षण एजेन्सी एआरएआई द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद आज कंपनी के कार्यकारियों और भारी उद्योग विभाग के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई।
आटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन आफ इंडिया :एआरएआई: ने अपनी जांच में पाया कि फाक्सवैगन द्वारा भारत में विनिर्मित ई189 इंजन वाली डीजल कारों में ‘त्रुटिपूर्ण उपकरण’ लगे थे जिससे सडकों पर वाहन चलाते समय उनसे अत्यधिक नाइट्रोजन आक्साइड उत्सर्जन हो सकता है।
बैठक में शामिल हुए कंपनी के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार किया, लेकिन कहा कि एक बयान जारी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि फाक्सवैगन पहले ही यह स्वीकार चुकी है कि दुनियाभर में उसकी 1.1 करोड डीजल इंजन कारों में ऐसा साफ्टवेयर लगा था जिससे उत्सर्जन परीक्षण में हेराफेरी करने में मदद मिलती है।
कंपनी को अमेरिका में 18 अरब डालर तक के जुर्माने का सामना करना पड़ा। भारत में अभी तक विभिन्न विनिर्माताओं द्वारा 13.25 लाख से अधिक वाहन वापस मंगाए जा चुके हैं।