सिरोही। सिरोही नगर परिषद क्षेत्र का निवर्तमान कांग्रेस का बोर्ड अब तक के सबसे ज्यादा अनियमितता करने वाले बोर्ड में शुमार होगा। इसके बावजूद इस बोर्ड में शामिल पार्षदों को फिर से पार्षद बनकर नगर परिषद में पहुंचने के लिये जनता के दरबार मे पहुंच गये है।
जिस काम के लिए सभापति समेत 25 पार्षदों को नगर परिषद भेजा गया था, ये लोग उसका 25 प्रतिशत भी नहीं कर पाए। पूछो तो जवाब यह होता था कि हम क्या कर सकते है। जिन 26 जनप्रतिनिधियों को नगर परिषद में जनता के हितों की रक्षा के लिए भेजा गया था, वह वहां पर अपने हितों की पैरवी करते दिखे। नगर परिषद बैठकों पर नजर डालें तो यह सभी पूर्व पार्षद अपने हित और एक दूसरे के हितों को साधने पर सहमति जताते दिखे।
इस बोर्ड की सबसे पहली बैठक में अनादरा रोड स्थित करोडों की जमीन को अधिग्रहण मुक्त करने के प्रस्ताव समेत, रिद्धी-सिद्धी और अर्जुन नगर जैसी खाली काॅलोनियों में सडकें बनवाकर काॅलोनाइजर्स को लाभांवित करने तथा बेमतलब करोडों रुपए के सीसीटीवी कैमरे की खरीद को मंजूरी देने के अंतिम बैठकों में लिए प्रस्ताव तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने बैठक में स्वविवेक का परिचय नहीं दिया।
लोकतंत्र में धरना और प्रदर्शनों को महत्व आज भी खतम नहीं हुआ है, लेकिन इन पार्षदो ने इससे परहेज हि किया. एक बार धरना प्रदर्शन करके सभापति के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने के मामले को बाद में आगे नहीं बढाने वाले पार्षद और राइट टू रीकाॅल के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले पार्षद की नीयत सवालों के घेरे में हैं। पांच साल तक करोडो रुपएके घोटालों की सुनकर मन मसोस लेने वाले सिरोही शहर के मतदाताओं के हाथ में 22 नवम्बर को इन सभी वर्तमान पार्षदों को नगर परिषद से बाहर करने का मौका आया है।
यह तो तय है कि जिस तरह का प्रदर्शन वर्तमान बोर्ड में शामिल 26 जनप्रतिनिधियों ने दिखाया है उससे एक भी जनप्रतिनिधि फिर से नगर परिषद में पहुंचने लायक नहीं हैं। क्योंकि इनमें से एक भी पार्षद की नीयत जनता के धन को बर्बाद होने से रोकने की नही दिखी, इनकी नीयत शहर में विकास की होती तो शहर में सडकें और नालियां चुनाव आने के दौरान नहीं बनती। स्थिति यह रही है की नगर परिषद अधिनियम मे प्राव्धान होने के बावजूद ये लोग नगर परिषद मे ये लोग नियमित बैठके तक नही करवा पाये, राजीव् नगर् आवासीय योजना को भू मफिया के साथ मिलकज इस पर जमीन को भी अधिग्रहण मुक्त करने के प्रयास कर लिया, लेकिन अधिकतर पार्षद मुह मे दही जमाकर बैठे रहे और अब ये फिर नगर परिषद मे पहुच्ने के इच्छुक है.
इन्हें पहुंचना है पत्नी के साथ
पांच साल भले ही कुछ बेहतर नहीं कर पाए हों, लेकिन तीन पार्षद को तो पत्नी के साथ नगर परिषद में पहुंचने के इच्छुक हैं। इनमें दो कांग्रेस के हैं। वार्ड संख्या एक के कांग्रेस पार्षद प्रकाश प्रजापति ने अपनी पत्नी तारा प्रजापति को वार्ड संख्या 12 से टिकिट दिलवाया है। इसी तरह वार्ड संख्या 14 के कांग्रेस पार्षद जगदीश सैन ने तो अपनी पार्टी से ही बगावत करते हुए अपनी पत्नी को वार्ड संख्या-19 से निर्दलीय खडा कर दिया।
वहीं पिछले दो बार्डों में एक साथ नगर परिषद पहुंचने वाले भाजपा के पार्षद दंपती मगन मीणा और पवनीदेवी मीणा क्रमशः वार्ड संख्या-5 और छह से खडे हुए है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब इन पार्षदों का फैसला ऐसे बुद्धिजीवी मतदाताओं के हाथ में चला गया है, जो जाति आदि से उठकर इन्हें सबक सिखाने में सक्षम है। वैसे मतदाता बेहतर प्रत्याशियों की कमी अब भी महसूस कर रहे है, लेकिन इस बार नए चेहरों को मौका देने से सिरोही नगर परिषद में बदलाव की बयार चल सकती है।
यह वर्तमान पार्षद या पार्षद रिश्तेदार है मैदान में
वार्ड संख्या- एक से प्रकाश प्रजापति को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इसी वार्ड में शंकरसिंह परिहार को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है, इनकी पत्नी रानू परिहार वर्तमान पार्षद है। वार्ड संख्या-2 से कांग्र्रेस ने जितेन्द्र सिंघी को प्रत्याशी बनाया है। वार्ड संख्या-5 में भाजपा ने मगन मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया है। वार्ड संख्या- छह से पवनी देवी मीणा भाजपा की उम्मीदवार है।
वार्ड सात से अमियादेवी, वार्ड आठ से गोपीलाल, वार्ड नौ से वर्तमान नेता प्रतिपक्ष सुरेश सगरवंशी के भाई प्रवीणकुमार, वार्ड संख्या-12 में वर्तमान उपसभापति प्रकाश प्रजापति की पत्नी तारा प्रजापति, वार्ड 14 से कांग्रेस प्रत्याशी जगदीष सैन और निर्दलीय उम्मीदवार शर्मिला गुप्ता, वार्ड-19 से जगदीश सैन की पत्नी शकुंतला, वार्ड बीस से खुद सभापति जयश्री राठोड, वार्ड 21 से ईश्वरसिंह डाबी, वार्ड 22 से धनपतसिंह राठोड वर्तमान बोर्ड में जनप्रतिनिधि है। पांच साल इन लोगों ने जनता के लिए संघर्ष किया है या नहीं किया इसके आक्लन का समय ओर अधिकार जनता के पास आ गया है. अब मतदाताओं का समय आया है कि वो इनका फैसला करे क्योंकि पांच साल तक घरों, दुकानों और चैपालों में इनकी अकर्मण्यता को पढकर कोसने वालोें के हाथ में इनके नसीब का फैसला करने का समय आ गया है।
चुनाव प्रचार जोरों पर
इधर, नगर परिषद चुनावों को लेकर शहर में चुनाव प्रचार भी जोर पकडने लगा है। वार्डों में चुनाव कार्यालयों के उदघाटन और चुनाव प्रचार के लिए नेताओं का लोगों को संबोधित करने का क्रम चल निकला है। भाजपा प्रत्याशियो के लिए समर्थन मांगने के लिए राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कई वार्डों में चुनाव कार्यालयों को उदघाटन करके लोगों से भाजपा के लिए वोट मांगे तो कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी खुद ही अपनी ताकत झोंके हुए है।
वार्ड संख्या- आठ में रविवार को भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सगरवंशी ने चुनाव कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक ली। वहीं नौ के कांग्रेस प्रत्याशी नैनाराम माली ने अपने समर्थकों के साथ वार्ड में रोड शो किया। वार्ड संख्या- 10 में मनु मेवाडा अपने समर्थकों के साथ वार्डवासियों से संपर्क कर रहे हैं। वार्ड संख्या-11 में भाजपा प्रत्याशी ताराराम माली ने अपने राज्यमंत्री देवासी तथा अपने समर्थकों के साथ जनसंपर्क किया। वार्ड संख्या 14 के भाजपा प्रत्याशी जितेन्द्र खत्री और 15 के प्रत्याशी इमरान के चुनाव कार्यालयो का भी उदघाटन किया गया। वार्ड संख्या-19 के की भाजपा प्रत्याशी शीतल सिंघी तथा कांग्रेस प्रत्याशी पिंकी रावल के समर्थकों ने भी वार्ड में जनसंपर्क किया। वार्ड बीस में निर्दलीय उम्मीदवार हसीना आफताब ने अपने समर्थकों के साथ जनसंपर्क किया।