![हेलीकॉप्टर घोटाला : अगस्तावेस्टलैंड को काली सूची में डालेगी सरकार हेलीकॉप्टर घोटाला : अगस्तावेस्टलैंड को काली सूची में डालेगी सरकार](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/04/agaland.jpg)
![VVIP Chopper scam : Government to seek cbi report, blacklist AgustaWestland](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/04/agaland.jpg)
नई दिल्ली। वीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले को लेकर हुए विवाद के बीच सरकार ने कहा कि सौदे के बारे में वह सीबीआई से रिपोर्ट मांगेगी और अगस्तावेस्टलैंड और इसकी मूल कंपनी फिनमिकैनिका को काली सूची में डालने की पहल करेगी। साथ ही सरकार ने दावा किया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने घोटाले में घिरी कपनी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था।
मोदी सरकार के शीर्ष सूत्रों ने दावा किया कि रिश्वत के आरोपों के बावजूद अगस्तावेस्टलैंड को संप्रग सरकार के शासनकाल में काली सूची में नहीं डाला गया और राजग सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद दागी कंपनी के सभी अधिग्रहण प्रस्तावों पर रोक लगाई गई थी।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित वीवीआईपी के लिए 12 हेलीकॉप्टरों का सौदा करने के लिए भारतीयों को कंपनी द्वारा कथित तौर पर रिश्वत देने के सिलसिले में सीबीआई ने 2013 में मामला दर्ज किया था।
कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया था कि अगस्तावेस्टलैंड को संप्रग सरकार के शासनकाल में काली सूची में डाला गया था लेकिन मोदी सरकार ने उसे काली सूची से ‘हटा’ दिया।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा था कि हेलीकॉप्टर सौदे को रद्द कर दिया गया था। संप्रग सरकार ने कार्रवाई की थी। तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने संसद में बयान दिया था और अगस्तावेस्टलैंड को काली सूची में डाल दिया गया।
बहरहाल सरकार के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों से पहले जनवरी 2014 में एकमात्र दंडात्मक कार्रवाई की थी जब संप्रग सरकार ने बैंक गारंटी को जब्त कर लिया। उन्होंने काी भी कंपनी को काली सूची में नहीं डाला जैसा कि दावा किया जा रहा है।
इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कांग्रेस को चुनौती दी कि काली सूची में डालने के संप्रग सरकार के आदेश को वह दिखाए। सूत्रों ने कहा कि अरूण जेटली जब रक्षा मंत्री थे तो तीन जुलाई 2014 को एक आदेश जारी किया गया जिसमें पाइपलाइन में पड़े सभी खरीद और
अधिग्रहण मामलों पर रोक लगा दी गई। इसमें अगस्तावेस्टलैंड और फिनमिकैनिका सहित घोटाले में शामिल छह कंपनियां भी थीं।
उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय किया गया कि जिन मामलों में उस समय तक निविदा प्रक्रिया नहीं हुई थी और सवालों के घेरे में शामिल कंपनियों के साथ सौदे पर तब तक के लिए रोक लगा दी गई जब तक कि सीबीआई जांच पूरी नहीं हो जाए।
सू़त्रों ने कहा कि सवाल प्रतिबंधित होने या नहीं होने का नहीं है बल्कि उन नेताओं, नौकरशाहों और वायुसेना अधिकारियों के बारे में है जिन्होंने रिश्वत ली जैसा कि इटली की अदालत ने कहा है।