भोपाल। मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ग्वालियर सहित अन्य स्थानों के विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारियों और एसटीएफ के अफसरों के साथ मंगलवार को बैठक की और गंभीर प्रकरणों पर चर्चा की।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर में पुलिस के विशेष जांच दल व्यापमं मामले में कार्रवाई करते रहे हैं। एसटीएफ के अलावा पुलिस एसआईटी के पास भी व्यापमं मामले से जुड़ी जानकारियां हैं। इसीलिए इन दलों के अफसरों को मंगलवार को सीबीआई ने तलब किया। सूत्रों ने कहा कि एसआईटी और एसटीएफ के साथ सीबीआई ने बैठक की। इन दलों ने कुछ अहम दस्तावेज भी सीबीआई को सौंपे हैं।
उल्लेखनीय है कि व्यापमं घोटाले का खुलासा होने के बाद राज्य सरकार ने एसटीएफ को जांच सौंपी। एसटीएफ ने अमला कम होने पर प्रमुख जिलों में पुलिस की एसआईटी बनाई। पुलिस की एसआईटी ने बड़ी संख्या में आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने व्यापमं मामले की जांच के लिए भोपाल में अलग से दफ्तर बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई के अधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह और मुख्य सचिव एंटनी डीसा से मंगलवार को मुलाकात की। इस दौरान सीबीआई ने भवन उपलब्ध कराने में सहयोग की अपेक्षा की। व्यापमं जांच के लिए सीबीआई एक अलग दफ्तर बनाना चाहती है। दरअसल, व्यापमं की जांच कर रहे एसटीएफ के पास उपलब्ध दस्तावेजों को सहेज कर रखना सीबीआई के लिए एक बड़ी चुनौती है।
व्यापमं घोटाले में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र अहम है। इसी इलाके में व्यापमं के सबसे ज्यादा आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं और जो मौतें हुई हैं उसमें भी यह क्षेत्र अव्वल है। व्यापमं का मास्टरमाइंड डॉ. जगदीश सागर भी इसी क्षेत्र से आता है।
कथित तौर पर व्यापमं घोटाले से जुड़े कुल 48 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने जो ब्योरा जारी किया था, उसके मुताबिक ग्वालियर-चबंल संभाग से जुड़े 21 लोग हैं। उनमें ग्वालियर व मुरैना के नौ-नौ, भिंड के दो और शिवपुरी से एक मौत शामिल है। लिहाजा सीबीआई ने अपनी जांच की शुरुआत ग्वालियर से करने का मन बनाया है।
जुलाई 2013 में व्यापमं घोटाले के उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच एसटीएफ को सौंपी थी। उच्च न्यायालय ने जांच की निगरानी के लिए एसआईटी गठित की। इस घोटाले में बडी संख्या में छात्र, अभिभावक, दलाल, गिरोह चलाने वाले, स्कोरर गिरफ्तार हैं।
कांग्रेस लगातार इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करती आ रही थी, काफी ना-नुकर के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्च न्यायालय को सीबीआई जांच का खत लिखा था। हाईकोर्ट ने मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित होने के कारण सुनवाई से इंकार कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने नौ जुलाई को जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई ने सोमवार को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी।
व्यापमं घोटाला : व्हिसलब्लोअर चतुर्वेदी ने सुरक्षा लौटाई
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के व्हिसलब्लोअर ग्वालियर निवासी आशीष चतुर्वेदी ने प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सुरक्षा लौटाने का फैसला किया है। इसके लिए उन्होंने पुलिस अधीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा को आवेदन दे दिया है।
उल्लेखनीय है कि चतुर्वेदी साइकिल से चलते हैं। आरटीआई के जरिए कई मामलों और व्यापमं घोटाले का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाने के कारण उन पर हमले हुए। इसके बाद प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई थी। चतुर्वेदी का आरोप है कि बीते एक साल में उनके 70 सुरक्षाकर्मी बदले जा चुके हैं।
उन्होंने मंगलवार को मीडिया को बताया कि वह सोमवार तक दिल्ली में थे, और उनके साथ जो सुरक्षाकर्मी था, वह पूरे समय आश्रम के कमरे में ही रहा और वह अकेले दिल्ली में घूमते रहे।
चतुर्वेदी ने आशंका जाहिर की कि उनकी हत्या तक कराई जा सकती है और उसे बाद में हादसा करार दे दिया जाएगा। कौन साजिश रच रहा है, यह वह नहीं जानते। चतुर्वेदी ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक चारी मिश्रा को एक आवेदन सौंपा और सुरक्षा वापस लेने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी उनके साथ साइकिल पर चलने को तैयार नहीं है और उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह सुरक्षाकर्मी को ऑटो आदि में लेकर चल सकें।
पुलिस अधीक्षक चारी मिश्रा ने चतुर्वेदी का आवेदन प्राप्त होने की पुष्टि की और कहा कि उनकी जो शिकायतें हैं, उनका समाधान करने के साथ ही उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।