भोपाल। व्यापमं घोटाले में फंसे मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव की कुर्सी एक बार फिर मुश्किलों में हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्यपाल सहित केंद्र सरकार और मप्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने तीन हफ्ते का समय देते हुए इस अवधि में जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, क्या राज्यपाल रहते हुए कोई कुछ भी कर सकता है? क्या उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है?
दरअसल ग्वालियर के कुछ वकीलों ने व्यापमं मामले की दलील देते हुए रामनरेश को राज्यपाल के पद से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है।
इसमें कहा गया है कि, जब राज्यपाल पर वन रक्षक भर्ती घोटाले में 5 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश करने का आरोप है, तब ऐसी स्थिति में वे अपने पद पर कैसे बने रह सकते हैं?
धारा 361 के तहत राज्यपाल को मिले अधिकार को चुनौती की याचिका को भी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले में सभी पक्षों में तीन सप्ताह में जवाब देना है।
उल्लेखनीय है कि एसआईटी ने वन रक्षक भर्ती घोटाले में राज्यपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जिसे राज्यपाल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद एफआईआर को खारिज कर दिया गया था।