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व्यापम घोटाले में नम्रता की मौत पर आईजी का बयान - Sabguru News
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व्यापम घोटाले में नम्रता की मौत पर आईजी का बयान

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व्यापम घोटाले में नम्रता की मौत पर आईजी का बयान
vyapm scam : IG statement on the death of Namrata Damor
vyapm scam : IG statement on the death of Namrata Damor
vyapm scam : IG statement on the death of Namrata Damor

उज्जैन। व्यापमं घोटाले से जुड़ी नम्रता डामोर की मौत की जांच दोबारा कराने के जवाब में रेंज के आईजी वी.मधुकुमार ने स्पष्ट कहा कि पुख्ता सबूत और गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद ही मामले की दोबारा जांच की जा सकेगी।

कायथा के समीप ग्राम भेरूपुरा स्थित रेलवे ट्रेक से 7 जनवरी 2012 को एक अज्ञात युवती का शव मिला था। कायथा पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया था। घटना स्थल से पुलिस ने शव को बरामद कर पीएम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया था। जहां डॉ. बीबी पुरोहित सहित तीन डॉक्टरों की पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया था। पीएम रिपोर्ट में पैनल ने स्पष्ट किया था कि मौत का कारण दम घुटना है। अर्थात उसे गला घोटकर मौत के घाट उतारा गया था।

चूंकि युवती का रेलवे ट्रेक पर पड़ा हुआ मिला था इसलिए पुलिस उक्त मामले को आत्महत्या से भी जोडक़र देख रही थी। कुछ दिन तक शिनाख्त नहीं होने के बाद पुलिस ने शव को दफना दिया। 29 जनवरी 2012 को मेघनगर निवासी डामोर परिवार कायथा थाने पहुंचा। यहां उन्होंने युवती के फोटो और अन्य सामान देखकर उसकी शिनाख्त नम्रता के रूप में की।

परिजनों के अनुसार नम्रता भोपाल जाने के लिए घर से निकली थी। पुलिस ने उसके पास से ट्रेन का टिकट भी बरामद किया था। लेकिन जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा दी गई पीएम रिपोर्ट से पुलिस पसोपेश में आ गई थी। पीएम रिपोर्ट के अनुसार युवती की गला घोटकर हत्या की गई जबकि घटना स्थल युवती की आत्महत्या की ओर इशारा कर रहा था।

मेडिको लीगल रिपोर्ट में आत्महत्या

तमाम प्रश्नों में उलझी पुलिस ने मामले की जांच मेडिको लीगल इंस्टीटïयूट के निदेशक डॉ. बीएस बडुकर से करवाई। लेकिन पुलिस ने घटना स्थल के फोटो भोपाल पहुंचाकर  बडुकर से रिपोर्ट ले ली। कायथा पुलिस द्वारा भेजे गए घटना स्थल के फोटो के आधार पर श्री बडुकर ने नम्रता की मौत को आत्महत्या करार दे दिया। जबकि पुलिस ने जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा दी गई पीएम रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया तथा कुछ दिनों बाद फाइल बंद कर दी।

व्यापमं के आरोपी से की थी पूछताछ

उल्लेखनीय है कि जांच के दौरान कायथा पुलिस को नम्रता के मोबाइल से मिली कॉल डिटेल में विशाल चौहान निवासी भोपाल से कई बार संपर्क की जानकारी मिली थी। पुलिस ने जब विशाल चौहान से पूछताछ की तो उसने केवल पुलिस को इतना बताया कि वह उसे भोपाल आने के लिए फोन कर रहा था।

गौरतलब है कि विशाल चौहान का नाम पीएमटी परीक्षा के फर्जीवाड़े में आया था। एटीएस ने उसे भी पीएमटी परीक्षा के साथ-साथ कई मामलों में गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान एटीएस को यह भी जानकारी मिली थी कि नम्रता डामोर को भी फर्जी रूप से इंदौर के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलवाया गया था।